जदयू के असंतुष्ट नेता उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को मांग की कि राजद और जदयू ने पिछले साल गठबंधन करने का जो फैसला किया था, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके पीछे के कथित ”डील” की अफवाहों के पीछे की सच्चाई सामने लाएं।
कुशवाहा ने यहां एक समारोह में यह बयान दिया। नीतीश द्वारा कुमार राजद के तेजस्वी यादव के अलावा उन्हें एक और उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने से खारिज किए जाने के बाद से वह नाराज चल रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने लालू प्रसाद की पार्टी पर सत्ता के विकेंद्रीकरण के समाजवादी आदर्श से भटकने और ”एक परिवार के भीतर सभी अधिकार केंद्रित करने” का आरोप लगाया। कुशवाहा दो साल से कम समय पहले अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करके जदयू में लौट आए थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी भी समाज के सबसे निचले तबके को शक्ति देने में विफल रही है और राजद के साथ एक समझौते की अफवाहें जदयू कार्यकर्ताओं के बीच भारी निराशा का कारण बन रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद नेता खुले तौर पर कह रहे थे कि सौदे के अनुसार तेजस्वी के पद संभालने के लिए मुख्यमंत्री के पद छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की ओर से चुप्पी केवल मामले को बदतर बना रही है।
कुशवाहा ने राजद पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा कि राजद ने कभी किसी की चिंता नहीं की , उसकी इस प्रवृत्ति के खिलाफ विद्रोह था कि समता पार्टी अस्तित्व में आई जो बाद में जदयू के रूप में जानी गई।