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राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन एवं कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की जिला स्तरीय वर्चुअल समीक्षा

गोरखपुर। जनपद में राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन एवं कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की जिला स्तरीय वर्चुअल समीक्षा वार्ता का आयोजन सदर सांसद और सिने स्टार रवि किशन की अध्यक्षता में किया गया | इस बैठक में जनपद के खजनी विधायक संत प्रसाद, जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पांडियन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके पांडेय ने प्रतिभाग किया।

इस वर्चुअल समीक्षा बैठक में जनपद गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने कहा “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी टीबी की व्यापकता को गंभीरता से लेते हुए इसे प्राथमिकता में लिया है और उन्होंने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। पूरा देश इस समय कोरोना बीमारी से लड़ रहा है। परन्तु, कोरोना महामारी के साथ यह भी सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि टीबी जैसी लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन के लिए सेवाओं का संचालन अनवरत जारी रहें।” उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी बहुत बारीकी से इसकी समीक्षा करते हैं।

बैठक में, मुख्य चिकित्साधिकारी ने जनपद गोरखपुर में टीबी कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए गोरखपुर में टीबी कार्यक्रम की प्रगति एवं कोविड-19 के परिणामस्वरूप टीबी कार्यक्रम पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि उनके स्तर से जनपद के सारे निजी अस्पतालों और निजी सेवा प्रदाताओं को इस आशय से अनुस्मारक प्रेषित किये जायेंगे कि वे टीबी मरीजों की अद्यतन जानकारी निरंतर सरकार से साझा करते रहें। इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के लाभार्थियों का भुगतान प्राथमिकता के साथ , समय से करवाना सुनिश्चित किया जा रहा है। जिलाधिकारी के यह अवगत कराया कि महामहिम राज्यपाल महोदया की पहल के बाद जनपद के सभी अधिकारियों ने एक-एक टीबी पीड़ित बच्चे को गोद लिया है। इसी क्रम में सदर सांसद गोरखपुर ने कहा कि जब वह भी गोरखपुर में टीबी रोग से ग्रसित बच्चे को गोद लेंगे।

कालाज़ार कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी ने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में कालाजार बीमारी के मरीजों में कमी आई है उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा से बुखार होना, तिल्ली और जिगर बढ़ना, कालाज़ार के कुछ लक्षण हैं। इस बीमारी के उपचार हेतु नई चिकित्सा पद्धति से मात्र एक दिन में इलाज किया जाता है | यह सुविधा समस्त कालाज़ार प्रभावित जिलों के सदर अस्पताल और चुनिन्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है | वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में कालाजार के लगभग 120 केस थे जो, इस समय 97 रह गए हैं | राष्ट्रीय कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आईआरएस यानि Indoor Residual Spraying अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाना है। सदर सांसद ने कहा कि हम इस बींमारी के उन्मूलन के बहुत करीब हैं और वह जिला मलेरिया अधिकारी से यह अपेक्षा करते हैं कि वह इस अभियान को शत प्रतिशत सफल बनायेंगे।

सांसद रवि किशन ने जे.ई व ए.ई.एस. की तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली और सभी अधिकारियों को इस विषय पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमने जे.ई/ए. ई. एस. पर नियंत्रण पा लिया है और हमें इस पर निरंतर ध्यान रखने की आवश्यकता है। अंत में उन्होंने सभी अधिकारियों को यह आश्वाशन दिया कि टीबी, कालाजार एवं अन्य बीमारियों के उन्मूलन हेतु वह किसी भी सहयोग के लिए हमेशा तैयार है।

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