- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, June 08, 2022
कानपुर नगर। टीबी (क्षय) रोग लाइलाज बीमारी नहीं है, इसलिए इससे घबराने के बजाए सबसे पहले इलाज शुरू करना चाहिए। टीबी रोग के लक्षण मिलने पर मरीज या परिजन घबराने की बजाय इलाज का रास्ता ढूंढें तो इस बीमारी से शीघ्र निजात पाई जा सकती है।
जिले के कई शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जांच और उपचार की सुविधा है, जहां इलाज कराया जा सकता है। टीबी रोग को हमने हरा दिया, आप भी इससे जीत सकते हैं। कुछ ऐसे ही संदेश दे रहे हैं वह लोग जो खुद टीबी से जंग जीत चुके हैं। टीबी उन्मूलन की दिशा में वह जन-जागरूकता के लिए काम कर रहे हैं।
इसी क्रम में बुधवार को जनपद में वर्ड विजन इंडिया और रीच फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से युनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रहे टीबी चैंपियंस कार्यक्रम के पोस्टर का अनावरण जिला क्षय रोग आधिकारी डा. ए पी मिश्रा ने किया। डॉ मिश्रा ने बताया कि इस कार्य क्रम के अंतर्गत टीबी चैंपियंस अपने टीबी यूनिट के अंतर्गत राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम को सहयोग प्रदान करने हेतु फील्ड में जाकर क्षयरोगियों के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। साथ ही लोगों को सहयोग प्रदान कर रहे हैं तथा सामुदायिक बैठकें एव्ं एंटी स्टिगमा कैम्पेन आयोजित कर समुदाय के लोगों को टीबी की बीमारी से बचाव, जाँच तथा इलाज के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
डॉ मिश्रा ने बताया कि टीबी को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों के साथ भी समन्वय स्थापित कर उनका सहयोग लिया जा रहा है, ताकि वहां इलाज कराने वाले लोगों को भी चिन्हित किया जा सके और उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सके। टीबी रोग किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल भी सकता है, लेकिन इसका उपचार भी किया जा सकता है। टीबी के लक्षण प्रतीत होने पर पीड़ित को इलाज कराने के लिए बिना देर किए सामने आना चाहिए, ताकि समुचित इलाज किया जा सके।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग कार्यालय के अन्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सक्सेना, पीपीएम (क्षयरोग) सुधीर यादव व वर्ड विजन इंडिया के जिला सामुदायिक समन्वयक राम राजीव सिंह, टीबी चैंपियंस दुर्गा सैनी एव्ं कामिनी सिंह भी उपस्थित रही।
टीबी के प्रमुख लक्षण
टीबी के प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, भूख कम लगना, वजन कम होना, बलगम में रक्त आना तथा छाती में दर्द होना है। ऐसे व्यक्तियों को तुरंत अपनी बलगम की जांच करवानी चाहिए।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर