नई दिल्ली। डूडल को भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी की 153वीं जयंती पर बंगलूरू की कलाकार कश्मीरा सरोदे ने बनाया। इसे बनाकर गूगल ने उनकी याद को हमेशा के लिए ताजा बनाये रखने के लिए निर्माण किया।
Doodle, आनंदी गोपाल के हाथ में डिग्री और गले में स्टेथोस्कोप
इस डूडल में डॉक्टर आनंदी गोपाल हाथ में डिग्री और गले में स्टेथोस्कोप डाले हुए नजर आ रही हैं। यह डूडल बंगलूरू की कलाकार कश्मीरा सरोदे ने तैयार किया है।
- उन्होंने भारत की पहली महिला डॉक्टर होने की उपलब्धि महज 19 वर्ष में हासिल कर ली थी।
- देश की पहली महिला डॉक्टर के रूप में वह जानी जाने वाली आनंदी गोपाल जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 में महाराष्ट्र के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
मात्र 9 साल की उम्र में शादी के बाद भी लक्ष्य को पूरा किया
आनंदी गोपाल की शादी महज 9 साल की उम्र में कर दी गई थी। इतना ही नहीं इन्होंने 14 साल की उम्र में ही एक बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन कहते हैं कि अगर हौसला कुछ अलग करने का हो तो उसे कोई रोक नहीं सकता है। घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियों के साथ ही आनंदी गोपाल जोशी ने सपनों की उड़ान भरी।
- उनके पति ने उनके मेडिकल की पढाई करने के शौक को पूरा किया।
- उन्होंने हर मोड़ पर आनंदी गोपाल जोशी को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
- 16 साल की उम्र में वह काफी बीमार हो गई थी।
- इसके बवाजूद उन्होंने लक्ष्य का पीछा नहीं छोड़ा।
आनंदी ने अमेरिका जाकर मेडिकल की पढ़ाई पूरी की
आनंदी जोशी ने अमेरकिा जाकर मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने महिला मेडिकल कॉलेज ऑफ पेन्सिलवेनिया (जो अब ड्रक्सेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडीसिन कहा जाता) से डिग्री हासिल करते हुए स्वदेश लौट आईं। भारत में उनका सपना महिलाओं के लिए एक मेडिकल कॉलेज खोलने का था।
- लेकिन उन्हें बुखार आया और उसके बाद उनकी तबियत बिगड़ती चली गई।
- मात्र 22 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने 26 फरवरी 1887 में दुनिया को अलविदा कह दिया।
- डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी का नाम साहस और दृढ़ता के लिए हमेशा के लिए एक मिशाल बन गया।