अवधी-मराठी कला अकादमी केतत्वाधान में पूरे हरिराम तेवारी का पुरवा हारीपुर, अमेठी में डॉ रमाकांत तिवारी क्षितिज द्वारा लिखित, हिन्दी अकादमी मुंबई द्वारा प्रकाशित अवधी काव्य संग्रह “अइसन हमार गांव रहा” का विमोचन एवं काव्य संग्रह पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जहाँ पुस्तक का विमोचन किया गया वहीं अवधी में लिखी इस पुस्तक पर चर्चा भी की गई। किताब के लेखक ने गणमान्य लोगो के साथ अपनी माता भानुमती तिवारी के कर कमलो सर करवाया। किताब के लेखक डॉ क्षितिज मूल रूप में अमेठी के निवासी हैं। मुंबई में रहते हुए अपनी माटी अपनी मूल भाषा से जुड़े हैं। मुंबई में रहकर अवधी भाषा में क़िताब, उसका प्रकाशन मुंबई से होना औऱ विमोचन अमेठी में होना कार्यक्रम में उपस्थिति अवधी प्रेमियों में चर्चा का विषय बना रहा।
डॉ रमाकांत क्षितिज ने कहा की अवधी जानने औऱ बोलने वाले आपस में हिन्दी में बात करते हैं। अवधी को देहाती भाषा समझते हैं। जबकि अवधी में लिखित रामचरित मानस औऱ पद्मावत हिन्दी का मूल खजाना हैं। फिर अवधी बोलने से लोग क्यों कतराते हैं। उन्होंने ने कहा कि वे कोई साहित्यकार नहीं हैं, वे आम आदमी की भाषा में आम आदमी के लिए लिखते हैं।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी डॉ क्षितिज कई पुस्तकें लिख चुके हैं। डॉ क्षितिज भारतीय भाषा अवधी औऱ मराठी दोनों के लिए साहित्यिक आयोजन करते रहते हैं। डॉ क्षितिज ने इस तरह के आयोजन ठेठ गांव में होते रहने चाहिए इस पर बल दिया। लोगों से अपने परिवार के बीच अवधी बोलने का आग्रह किया. उन्होंने ने कहा अपनी माटी औऱ भाषा के लिए कार्य करना हम सब का कर्तव्य हैं। पूरे कार्यक्रम के दौरान संचालन से लेकर वक्तव्य सब अवधी में ही हुआ।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से ने पुस्तक पर विचार रखे जिनमें डॉ शिवेंद्र मौर्य, महात्मा तिवारी औऱ डॉ धर्मेंद्र तिवारी प्रमुख रहे.इस अवसर पर अवधी प्रेमी साहित्यकारों औऱ पत्रकारों को “अवधी कय पहरुआ” सम्मान से सम्मानित किया गया। आयोजन में सिर्फ साहित्यिक लोग ही नहीं अपितु मज़दूर औऱ किसानों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में जहाँ साहित्य से जुड़े लोग उपस्थिति रहे वही पत्रकार भी प्रमुख रूप से उपस्थिति रहे.कार्यक्रम के उपरांत देशी व्यंजन बाटी चोखा का भी रसास्वादन अवधी प्रेमियों ने लिया। ठेठ ग्रामीण गांव पुरवा में क़िताब का विमोचन औऱ परिचर्चा स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना रहा। कार्यक्रम को सफल आयोजन में शशिकांत तिवारी सहित ग्रामीण लोगो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।