लखनऊ। दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के लिये डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह देश का पहला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है जिसने दिव्यागंजन को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने एवं उच्चस्तरीय शिक्षा के साथ-साथ पुनर्वास के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में ही कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गई है।
दिव्यांगजन को गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराने की बढ़ती मांग को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्र द्वारा वर्तमान में उच्च तकनीक पर आधारित गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास की सेवा प्रदान की जा रही है, जिसके अन्तर्गत दिव्यांगजनों के कृत्रिम अंग, कैलीपर एवं सहायक उपकरणों की आवश्यकतानुसार निर्माण एवं पुनर्वास सेवा निःशुल्क किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स दिवस पर कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत विशिष्ट स्टेडियम में व्हीलचेयर एवं ट्राइसाइकिल रेस का आयोजन किया गया तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। ट्राइसाइकिल रेस प्रतियोगिता में विवके कुमार दुबे प्रथम, सन्तोष कुशवाहा द्वितीय तथा शमीम अहमद तृतीय स्थान पर रहे।
व्हीलचेयर प्रतियोगिता में प्रहलाद प्रथम, हार्षित द्वितीय तथा विजय शंकर तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार बीपीओ पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कोर ग्रुप में प्राची कुशवाहा प्रथम, जगदम्बा कुमार शुक्ला द्वितीय तथा दिव्यम सिंह तृतीय स्थान पर रहे तथा बीएएसएलपी पाठ्यक्रम एलाईड ग्रुप में सोनम प्रथम, मनतशा द्वितीय तथा अंकिता तृतीय स्थान पर रहे। पोस्टर प्रतियोगिता में ध्यानिका सिंह प्रथम, सौरभ मिश्रा द्वितीय तथा अखिलेख यादव एवं नवनीत तिवारी तृतीय स्थान पर रहे।
05 नवंबर को डॉ. शकुन्तला राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखक के परिसर में स्थापित कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र से प्रातः 07:00 बजे रली प्रारम्भ होकर स्टेडियम के रास्ते विश्वविद्यालय के गेट नं० 1 पर प्रातः 08:15 पर पहुंची उसके पश्चात् रैली क्षेत्रीय समेकित केन्द्र, लखक होते हुए बुद्धेश्वर चौराहा पर प्रातः 08:45 पर पहुंची।
रैली युद्धेश्वर चौराहा से प्रातः 09:30 बजे वापस कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र पहुंची। रैली में कार्यशाला प्रबन्धक, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, सहायक आचार्य, प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स विभाग के कार्मिक एवं छात्र शामिल हुए। रैली में उपस्थित प्रतिभागियों ने प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स क्षेत्र के बारे में लोगों को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर कुलपति महोदय द्वारा 18 दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किये गये। तत्पश्चात् प्रेक्षागृह में कुलपति द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्जवलित किया गया। प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स के छात्रों द्वारा माँ सरस्वती की वन्दना की गई तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को कुलपति द्वारा मेडल एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये।
जागरूकता सेमिनार में प्रो एचएस झा, वरिष्ठ आचार्य, प्रो वीके सिंह, अधिष्ठाता कला, प्रो आरआर सिंह, अधिष्ठाता विशेष शिक्षा संकाय, संजय सिंह, वित्त अधिकारी, डॉ. रणजीत सिंह, कार्यशाला प्रबन्धक मुनेश बंसल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स विभाग के कार्मिक एवं छात्र शामिल हुए।