लखनऊ। पुनर्वास विश्वविद्यालय के डा विजय शंकर शर्मा (Dr Vijay Shankar Sharma) दिव्यांगता के क्षेत्र में विश्व की सबसे प्रतिष्ठित संस्थान “पर्किन्स स्कूल फॉर द ब्लाइंड, वॉटरटाउन, मैसाचूसेट अमेरिका” से फेलोशिप अवधि पूरी कर भारत लौटे। डॉ विजय शंकर शर्मा का चयन दिव्यांगता के क्षेत्र में विश्व की सबसे प्रतिष्ठित फेलोशिप में हुआ था, जिसमें डॉ शर्मा विगत लगभग एक वर्ष से अमेरिका के सबसे प्राचीन दृष्टि दिव्यांगता के संस्थान पर्किन्स स्कूल फॉर द ब्लाइंड, वॉटरटाउन, मैसाचूसेट में आवासरत थे।
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पर्किन्स स्कूल फॉर द ब्लाइंड विगत 100 वर्षों से अधिक समय से इस फेलोशिप को उन विशेषज्ञों को प्रदान करता है, जिन्होंने दिव्यांगता के क्षेत्र में अपने अपने देशों में उल्लेखनीय कार्य किया है। प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व से लगभग आठ से दस विशेषज्ञों को इस फेलोशिप हेतु चुना जाता है और दृष्टिदिव्यांगता सहित अन्य दिव्यांगता विशेषकर बधिरांधता के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
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इस फेलोशिप में डॉ शर्मा केम्ब्रिज स्थित हॉवर्ड विश्वविद्यालय एवं वाशिंगटन स्थित श्रवण दिव्यांगजनों हेतु विश्व प्रतिष्ठित गैलुडेट विश्वविद्यालय में भी जाकर वहाँ हो रहे नवीनतम शिक्षा प्रयोगों का अनुभव किया। विशेष अध्ययन हेतु उन्हें बॉस्टन कॉलेज, चेस्टनट हिल्स, मैसाचूसेट में भी अध्ययन का अवसर प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने मानव विकास एवं दिव्यांगता तथा गंभीर एवं बहु-दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु अनुदेशन रणनीतियों पर विशेष व्याख्यानों में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस फेलोशिप के दौरान डॉ शर्मा को अमेरिका के विभिन्न शहरों में दिव्यांगता विषयक अनेकों अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रतिभाग करने का अवसर भी प्राप्त हुआ जिसके द्वारा विश्व में बहुदिव्यांग जनों हेतु किया जा रहे प्रयासों को जानने का अवसर भी प्राप्त हुआ। इस फेलोशिप के दौरान डॉ शर्मा को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयार्क एवं यूनिसेफ़ जाने का अवसर भी प्राप्त हुआ जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिव्यांगजनों हेतु किए जा रहे कार्यों को भी बारीकी से समझा। इंटरनेशनल डिसेबिलिटी अलायन्स के विशेषज्ञदल से वार्ता का अवसर डॉ शर्मा को इस फेलोशिप के दौरान मिला जिनके साथ चर्चा में डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय एवं राज्य/केंद्र सरकार के साथ भविष्य में समन्वित प्रयास किए जाने पर सैद्धांतिक सहमति हुई।
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इस फेलोशिप के दौरान भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन एवं अमेरिका में भारत के राजदूत से भारत द्वारा दिव्यांग जनों हेतु किए जा रहे उल्लेखनीय प्रयासों के संदर्भ में दिव्यांगता के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय कार्यों को किए जाने के संबंध में चर्चा भी हुई।
डॉ शर्मा को अमेरिका के Shark Tank में प्रतिभाग करने का भी अवसर प्राप्त हुआ और विश्वविद्यालय में बहु-दिव्यांगता विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कराने हेतु एक बड़ी धनराशि भी प्राप्त हुई, जिसे विश्वविद्यालय के अकाउंट में स्थानांतरण कराने हेतु काग़ज़ी कार्यवाही की जा रही है। डॉ शर्मा की इस फेलोशिप से वापसी पर विश्वविद्यालय परिवार विशेषकर दिव्यांग विद्यार्थियों में हर्ष का माहौल है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर केपी सिंह ने भी विश्वविद्यालय के द्वारा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों हेतु संधिपत्र साझा किए जाने की आवश्यकता पर सहमति एवं प्रसन्नता व्यक्त की और विश्वविद्यालय एवं राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।