हरसिंगार के फूल आप ने अपने घर के आस-पास या पार्क में जमीन पर चादर की तरह बिछे हुए देखें होंगे, इनकी खुशबू सबका मनमोह लेती है। हरसिंगार के फूलों को पारिजात भी कहा जाता है, देखने में ये फूल नारंगी डंडी वाले सफेद रंग के छोटे-छोटे होते हैं।
हरसिंगार के फूल सिर्फ खुशबू के लिए ही मशहूर नहीं हैं बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभदायक साबित होते हैं। हरसिंगार के फूल के अलावा इसकी पत्तियों और छाल का भी कई औषधियों में उपयोग किया जाता है। इस लेख में हम नेचुरोपैथी डॉक्टर भगवानदास पटैरया से हरसिंगार के फूलों से बनी चाय के फायदे (Parijat flower tea benefits) और बनाने का तरीका जानेंगे।
हरसिंगार के फूलों की चाय पीने से मन शांत रहता है।
डिप्रेशन, तनाव और से परेशान लोगों के लिए हरसिंगार के फूलों से बनी चाय फायदेमंद साबित होती है।
हरसिंगार के फूलों की चाय पाचन के लिए अच्छी होती है। इसे पीने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। हरसिंगार की चाय बॉडी डीटॉक्स करने में मदद करती है, इसे पीने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
हरसिंगार की चाय पीने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, हरसिंगार के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। अगर आप रोजाना दूध वाली चाय पीते हैं तो उसकी जगह हरसिंगार की चाय पीना शरू कर दीजिए, हर्बल चाय का सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।
के फूलों से बनी चाय पीने से गले की खराश और खांसी में आराम मिलता है। बदलते मौसम में अक्सर लोगों को खांसी की समस्या हो जाती है, ऐसे में हरसिंगार की चाय आपकी खांसी की दिक्कत को कम कर सकती है।
हरसिंगार के फूलों की चाय बनाने की रेसिपी- Harsingar Flower Tea Recipe In Hindi
हरिसंगार के फूलों की 1 कप चाय बनाने के लिए आपको हरसिंगार के 5 से 6 फूल के साथ ही 1 कप पानी, आधा इंच अदरक का टुकड़ा और शहद चाहिए होगा। चाय बनाने के लिए सबसे पहले हरसिंगार के फूलों को पानी से अच्छे से धोकर अलग रख लें। इसके बाद एक पैन में 1 कप पानी डालें और जब पानी में उबाल आने लगे तो इसमें हरसिंगार के फूल और अदरक कद्दूकस करके डालें। जब उबाल आए को इसे छन्नी की सहायता से कप में छान लें। अगर आपको मीठी चाय पसंद है तो इसमें स्वाद के मुताबिक, शहद मिलाएं। बिना शहद के भी हरसिंगार के फूलों की चाय अच्छी लगती है।
आप हरसिंगार के फूलों की चाय बिना उबाले भी बना सकते हैं। इसके लिए एक कप गुनगुने पानी में हरसिंगार के 8 से 10 फूलों को डालकर कम से कम 3 से 4 घंटे के लिए ढककर रख दें। 3 से 4 घंटे के बाद सभी फूलों को पानी से अलग कर दें और इसमें शहद मिलाकर पिएं। अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।