संगम नगरी प्रयागराज में कल से लगातार बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने जहां एक तरफ आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, वहीं इसने बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा दिया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से राहत और बचाव का काम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
गंगा नदी जहां खतरे के निशान से तकरीबन डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है तो वही यमुना एक मीटर ऊपर. टोंस नदी ने तो जबरदस्त तबाही मचा रखी है. बाढ़ का पानी हर घंटे नए इलाकों में घुसता जा रहा है और राहत व बचाव के काम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं.
लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर और आरती स्थल का अब पता तक नहीं चल रहा है. तमाम दूसरे मठ मंदिर और आश्रम भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. संगम पर दर्शन पूजन व आस्था की डुबकी लगाने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. संगम की तरफ जाने वाले सभी रास्ते काफी पहले ही बैरिकेट्ड कर बंद कर दिए गए हैं.