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धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के चलते ओंकारेश्वर शिवभक्तों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है

मध्यप्रदेश राज्य के खरगोन जिले में स्थित ओंकारेश्वर एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। ओंकारेश्वर भगवान शिव के एक प्रसिद्ध रूप, ओंकारेश्वर शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है और यह स्थल देश भर से भक्तों को आकर्षित करता है। यहाँ के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण ओंकारेश्वर को भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
ओंकारेश्वर का इतिहास
ओंकारेश्वर का नाम ‘ओंकार’ (ॐकार) और ‘ईश्वर’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘ॐ’ (ब्रह्मांड का प्रतीक) के रूप में भगवान शिव। इस स्थल का इतिहास बहुत पुराना है और यह महाभारत और पुराणों में भी वर्णित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने यहां पर अपनी पूजा के लिए एक दिव्य रूप में अवतार लिया था। ओंकारेश्वर का मंदिर प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है।
ओंकारेश्वर के प्रमुख आकर्षण
 
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर: ओंकारेश्वर मंदिर, भगवान शिव के एक प्रमुख रूप ओंकारेश्वर के प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंग को समर्पित है। यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ आने वाले भक्त विशेष रूप से ओंकारेश्वर शिवलिंग की पूजा करते हैं, जिसे नर्मदा नदी के दर्शन के साथ पूजा जाता है। मंदिर का वास्तुशिल्प बहुत भव्य है और यहाँ का वातावरण अत्यधिक शांति और श्रद्धा से भरा हुआ होता है।
महाकालेश्वर मंदिर: ओंकारेश्वर मंदिर के समीप एक अन्य प्रसिद्ध स्थल महाकालेश्वर मंदिर है। यह भी भगवान शिव को समर्पित है और यहां पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। महाकालेश्वर मंदिर को भी ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है। यह मंदिर शांति और ध्यान के लिए एक आदर्श स्थल है।
नर्मदा नदी और घाट: ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ के घाटों पर पूजा अर्चना करना एक विशेष अनुभव होता है। भक्तों के लिए नर्मदा नदी में स्नान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। नदी के किनारे बैठकर सूर्यास्त का दृश्य देखना भी बहुत मनमोहक होता है।
ओंकार पर्वत: ओंकारेश्वर मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में ओंकार पर्वत भी शामिल है, जो मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पर स्थित एक शिला पर भगवान शिव के स्वरूप का चित्रण किया गया है। ओंकार पर्वत की चोटी से पूरे ओंकारेश्वर का खूबसूरत दृश्य देखा जा सकता है।
कांच मंदिर और अन्य छोटे मंदिर: ओंकारेश्वर में कई छोटे-छोटे मंदिर भी स्थित हैं, जिनमें कांच मंदिर प्रमुख है। इन मंदिरों का वास्तुशिल्प और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा भक्तों को आकर्षित करते हैं।
ओंकारेश्वर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
ओंकारेश्वर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसे ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत में स्थित हैं, जिनमें से ओंकारेश्वर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां की यात्रा से भक्तों को मानसिक शांति, मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है। ओंकारेश्वर का स्थान शिवजी के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है और हर वर्ष यहां लाखों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं।
ओंकारेश्वर का मौसम
ओंकारेश्वर का मौसम पूरे साल अच्छा रहता है।
गर्मियाँ (मार्च से जून): गर्मियों में तापमान बढ़ जाता है, लेकिन फिर भी नर्मदा नदी का ठंडा पानी और घाटों पर शांति बनाए रखते हैं।
मानसून (जुलाई से सितंबर): मानसून के मौसम में नर्मदा नदी में पानी का स्तर बढ़ जाता है और वातावरण में ताजगी होती है।
सर्दियाँ (नवंबर से फरवरी): सर्दियों में यहां का मौसम बहुत ही सुखद और ठंडा होता है, जो यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय है।
ओंकारेश्वर कैसे पहुंचें
वायु मार्ग: ओंकारेश्वर का नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर में स्थित है, जो लगभग 77 किलोमीटर दूर है। इंदौर से ओंकारेश्वर के लिए टैक्सी और बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: ओंकारेश्वर का नजदीकी रेलवे स्टेशन ओंकारेश्वर रोड है, जो यहाँ से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। इस स्टेशन से ओंकारेश्वर पहुंचने के लिए टैक्सी और ऑटो रिक्शा की सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग: ओंकारेश्वर प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इंदौर, उज्जैन और भोपाल जैसे शहरों से नियमित बसें और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करने का यह सबसे सरल तरीका है।
ओंकारेश्वर एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ का आध्यात्मिक वातावरण, नर्मदा नदी की ताजगी, और धार्मिक स्थानों का अद्भुत संगम इसे भारत के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है। अगर आप धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं और एक शांतिपूर्ण वातावरण में भगवान शिव की उपासना करना चाहते हैं, तो ओंकारेश्वर आपके लिए एक आदर्श स्थल हो सकता है।

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