- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, May 23, 2022
बिधूना। कोतवाली क्षेत्र के गांव बिमटामऊ में एक गरीब का झोपड़ी में आशियाना बनाकर पत्नी व सात बच्चों समेत उसमें अपना गुजारा करता था। सोमवार को झोपड़ी में महिला खाना बना रही थी। उसी समय तेज आंधी आ गयी, जिससे चूल्हे से निकली आग की चिंगारी झोपड़ी तक पहुंच गयी। देखते-देखते झोपड़ी समेत गृहस्थी का सभी सामान जलकर राख हो गया। यही नहीं, गरीब व्यक्ति ने मेहनत कर बचाकर रखे गये 20 हजार रूपए भी जल गये।
जानकरी के अनुसार, क्षेत्र के गांव बिमटामऊ निवासी मुकेश सविता एक झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहकर गुजारा करता था। सोमवार की सुबह करीब 10 बजे उसकी पत्नी रिंकी देवी झोपड़ी में रखे चूल्हें में खाना बना रही थी।
तभी अचानक तेज हवाओं के साथ धुंध भरी आंधी आ गयी और चारो ओर एकदम से अंधेरा छा गया। तेज हवा के चलते चूल्हे से निकली आग की चिंगारी फूस की झोपड़ी तक पहुंच गयी।
देखते-देखते पूरी झोपड़ी समेत उसमें रखे गृहस्थी के सभी सामान पहनने व ओढ़ने के कपड़ा, आठ कुन्तल गेहूं, 80 किलो पिसा आटा, चारपाई, साइकिल, बर्तन, पंखा, टीवी आदि सामान धू धूकर जलने लगा। ग्रामीणों के प्रयास से जब तक आग पर काबू पाया तब तक गृहस्थी का सभी सामान जलकर खाक हो गया।
आग लगने से एक छोटे बक्शा में रखे 20 हजार रूपए भी जल गये। ग्रामीणों द्वारा आग पर काबू पा लिए जाने के बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गयी है जो कि जहां पर धुआं आदि उड़ रहा है उसे बुझाने का काम कर रही है।
पीड़ित का बड़ा है परिवार –
पीड़ित मुकेश सविता का परिवार भी बड़ा है। उसके परिवार में पत्नी रिंकी देवी के अलावा छह बच्चे जिसमें पांच बेटा अभिषेक, कन्हैया, भानू व बीरू एवं दो बेटियां प्रियांशी व देवांशी हैं।
बाल काटकर करता था परिवार का गुजारा –
पीड़ित मुकेश सविता अपनी गरीबी के कारण बिमटामऊ समेत आसपास के गांवों में जाकर बाल कटिंग का काम करता था। बाल कटिंग से जो पैसा या आनाज आदि मिलता था उससे अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। तेज आंधी ने आज उसकी गृहस्थी उजाड़ दी। उसके छोटे-छोटे बच्चे अब खाने पीने के लिए एक-एक दानों को मोहताज हो गये।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर