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युवाओं को तंबाकू से बचाने में शिक्षा विभाग निभाएगा अहम भूमिका

कोशाम्बी। जिले भर में करीब चार लाख से अधिक लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपभोग किसी न किसी रुप में करते है,जोकि बेहद चिंताजनक है। इसके लिए जिले के समस्त बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने में अह्म भूमिका निभाने वाले है। कोशंाबी में करीब 4 लाख लेाग किसी न किसी रुप में तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते है। यह बात सेामवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षा विभाग, उतर प्रदेश सरकार, आलामेलू चैरीटेबल फाउंडेशन (टाटा ट्रस्ट), संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ), द्वारा के तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान पर आयेाजित एक दिवसीय तकनीकी कार्यशाला में सामने आई।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राज कुमार पंडित ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि दिन प्रतिदिन युवाओं में बढ़ती तंबाकू व अन्य ध्ूाम्रपान उत्पादों के उपभोग की प्रवृति बेहद चिंताजनक है, और इससे बचाने के लिए हम सभी को सकारात्मक रुप से काम करना होगा। यूपी में प्रतिदिन 832 बच्चे तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का सेवन शुरु करते है।

तभी हमारी भावी युवा पीढ़ी को हम इस प्रकार के व्यसनों से बचा सकेंगे। इसके लिए जिलेभर के शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए सभी शिक्षा विभाग के अधिकारी तकनीकी प्रशिक्षण ले रहे है।

उन्होने कहा कि हमारे युवाअेां में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के बढ़ते प्रयोग से युवा वर्ग खासकर शिक्षारत बच्चों व युवाओं पर शारीरिक व मानसिक रुप से प्रभाव पड़ रहा है। विभाग द्वारा अब भारत सरकार की गाईडलाइन के अनुसार समस्त शिक्षण संस्थाअेंा को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए निर्धारित साइज में साइनेज, एंटी टोबेको गतिविधियां आयेाजित की जायेंगी। उन्होेने बताया कि शिक्षण संस्थानों की और से तंबाकू मुक्त की दिशा में जो भी गतिविधियां आयोजित की जायेगी उनको प्लेज फाॅर लाइफ टोबेको फ्री यूथ अभियान के साफटवेयर में अपलोड की जायेगी।

शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने लिया संकल्प

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियेां व कर्मचारियों ने इस दौरान तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां को न लेने की शपथ दिलाई। इस शपथ के बाद सभी अधिकारियों ने हमेशा इस संकल्प को याद रखने व युवाओं को इससे बचाने का भी भरोसा दिलाया। सभी प्रतिज्ञा की कि वे अपने जीवन में कभी भी तंबाकू को नहीं छूएंगे और अपने दोस्तों और परिवारों को ऐसा ही करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

हर माह होगा रिव्यू

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान पर हर माह रिव्यू लिया जायेगा। इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय हेागा तंबाकू मुक्त

इस अवसर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विभाग के परिसर को तंबाकू मुक्त बनाने की बात कही। परिसर में कोई भी कर्मचारी तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का सेवन करता हुआ पाया गया तो उससे जुर्माना वूसला जायेगा। इसलिए उन्होने सभी से ऐसे उत्पादों को त्यागने को कहा।

कैंसर पीड़ितों की दास्तां

आलामेलू चैरीटेबल फाउंडेशन (टाटा ट्रस्ट) अंबुज पांडे ने बताया कि कार्यशाला के दौरान उपस्थित समस्त शिक्षा अधिकारियेां को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन के बाद कैंसर की बीमारी से जूझ रहे पीड़ितों ने अपनी जिंदगी की दास्तां को विडियो के माध्यम से सुनाया। जिसमें उन्होने बताया कि कैसे वे इन तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से कैंसर के मरीज बन गए। उन्होने कहा कि इससे पूरा परिवार सकंट के समय से गुजर रहा है। इन उत्पादों की पहुंच को रोकें, ताकि आने वाली पीढ़ी को इससे बचाया जा सके।

संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) की डायरेक्टर आशिमा सरीन ने कहा कि यूपी सरकार के शिक्षा विभाग का यह कदम सराहनीय है और विभाग की इस पहल से बच्चों व युवाअेां के भविष्य को और अधिक बेहतर बनाया जा सकेगा।

सरीन ने कहा कि ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स) -2017 के मुताबिक उतरप्रदेश में 35.5 फीसदी (करीब 5 करोड़ 17 लाख) लोग बीड़ी व सिगरेट सहित अन्य धूम्रपान उत्पादों का सेवन करते हैं। इनमें से 1 करोड़ 96 लाख लोग धु्रमपान (बीड़ी व सिगरेट) और चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपयोग 4.2 करोड़ लेाग(4.27 प्रतिशत) करते है। जिसमें 52.1 प्रतिशत पुरुष, 17.7 प्रतिशत महिला यूजर शामिल है। वहीं, लगभग 832 बच्चे रोजाना तम्बाकू पदार्थों का सेवन शुरु करते हैं।

धूम्रपान की वजह से नोन-स्मोकर पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। इससे यूपी में तंबाकू जनित रोगों से हर साल करीब 1 लाख 91 हजार लोगों की मौत हो जाती है। गंभीर चिंतन का विषय ये है कि इनमें से 10 फीसदी लोग वे हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन बीड़ी-सिगरेट पीने वाले के संपर्क में रहने के कारण रोगग्रस्त होकर मौत का शिकार हो जाते हैं।

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