भारत में कृषि उत्पाद के भंडारण की पर पहले पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। वर्तमान केंद्र सरकार ने किसानों की आय दो गुनी करने के लिए अनेक कारगर कदम उठाए है। इस कार्ययोजना में भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था भी शामिल रही है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता विभाग के अन्तर्गत राज्य भण्डारण निगम द्वारा प्रदेश की सैंतीस मण्डियों में निर्मित होने वाले भंडार ग्रहों का ई शिलान्यास किया। इनमें से प्रत्येक की क्षमता पांच हजार मीट्रिक टन होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन वर्ष पहले किसानों से खरीदे गए गेहूं के भंडारण की बड़ी समस्या थी। तब पर्याप्त स्टोरेज क्षमता नहीं थी। सरकार गठन के बाद ही किसानों से सैंतीस लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। किसानों को एमएसपी का भुगतान अड़तालीस घण्टे के अन्दर डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में कर दिया गया। इस बार लगभग तिरपन लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई। सरकार द्वारा दिये गये न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसान के जीवन में व्यापक आ रहा है। इसके माध्यम से मार्केट को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
कालाबाजारी पर रोक भी लगती है। किसानों का शोषण रुकता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज के अन्तर्गत एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में दिये गये हैं। केन्द्र व राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संकल्पित हैं। वर्तमान सरकार किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर में किसानों के लिए भण्डार गृहों का महत्व है।
नये भण्डार गृहों की स्थापना हो जाने पर किसानों की आमदनी बढ़ेगी।किसानों को केवल अनाज मण्डी में ही नहीं बल्कि फल एवं सब्जी मण्डियों में भी ऐसी सुविधा देनी चाहिए,जिससे किसान अपने उत्पाद को कुछ दिनों तक सुरक्षित रख सके। नयी प्रतिस्पर्धा में सरकार ने निजी क्षेत्र को भी मण्डी क्षेत्र में आमंत्रित किया है।नयी प्रतिस्पर्धा के लिए न केवल सहकारिता बल्कि मण्डी समितियों को भी आगे आना होगा। जो जितनी अच्छी सुविधा किसानों को दे पाएगा और जितनी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ा पाएगा,वही इस कम्प्टीशन में बना रह पाएगा।