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किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास

डॉ दिलीप अग्निहोत्रीकेंद्र व उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने का अभियान चला रही है। इस अभियान के विविध आयाम है। तीन कृषि कानून भी इस अभियान को आगे बढाने में सहायक है।

इसके अलावा भी अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें उत्पाद बेचने के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे है। कुछ दिन पहले लखनऊ में गुड़ महोत्सव का आयोजन किया गया था। इससे गन्ना किसानों को लाभान्वित किया गया।

काला नमक चावल महोत्सव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास से वर्चुअल माध्यम से जनपद सिद्धार्थनगर में आयोजित ‘काला नमक चावल महोत्सव’ का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि दीर्घ अवधि और कम उत्पादकता होने के कारण पूर्व में इसकी बुआई में कमी आ गयी थी,परन्तु राज्य सरकार ने काला नमक चावल को बढ़ावा देने के लिए इसकी उन्नत प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करायी हैं। जिससे अब किसान ज्यादा बड़े क्षेत्रफल में इस चावल को उगा रहे हैं। इसे एक गौ आधारित खेती के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए।

किसानों को बड़ा बाजार

योगी आदित्यनाथ ने काला नमक चावल के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमें स्थानीय मार्केट और मण्डी पर ध्यान देना होगा। ‘काला नमक चावल महोत्सव’ जनपद सिद्धार्थनगर के साथ-साथ नेपाल राष्ट्र से जुड़े प्रदेश के तराई क्षेत्रों के लिए भी लाभदायक होगा। यह महोत्सव काला नमक चावल की ब्राण्डिंग को और मजबूती से स्थापित करेगा, जिससे किसानों को बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। इससे निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे। फलस्वरूप किसानों को उनकी फसल का कई गुना दाम मिलने लगेगा।

कॉमन फैसिलिटी सेन्टर

इस क्षेत्र में काला नमक चावल को और अधिक प्रोत्साहन देने के दृष्टिगत सिद्धार्थनगर में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के अन्तर्गत कॉमन फैसिलिटी सेन्टर सीएफसी का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी स्थापना से इसके भण्डारण हेतु वातानुकूलित गोदाम, ग्रेडिंग कराते हुए विपणन हेतु पैकिंग आदि की आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी।

इसे वैश्विक पहचान दिलाने के दृष्टिगत वर्ष इस चावल की जीआईटैगिंग का नवीनीकरण कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने का जो संकल्प लिया गया है, उसमें कृषि विविधीकरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

शोध संस्थान की स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा जनपद में काला नमक शोध संस्थान स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कृषि और प्रसंस्करण खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण वाराणसी के माध्यम से काला नमक चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। इसी प्रकार आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा काला नमक चावल की विभिन्न प्रजातियों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता पर शोध किया जा रहा है।

इससे काला नमक चावल की उन्नत प्रजातियों का विकास सम्भव हो सकेगा। उन्होंने काला नमक चावल की ब्राण्डिंग के लिए जनप्र्रतिनिधियों का सहयोग लेने का भी सुझाव दिया। ओडीओपी योजना के तहत आने के उपरान्त इसकी बुआई अब बढ़ गयी है। अब काला नमक चावल की खेती का क्षेत्रफल बढ़कर लगभग पांच हजार हेक्टेयर हो गया है। ओडीओपी योजना के तहत चुने गये इस उत्पाद की महक आज पूरे विश्व में फैल रही है।

मुख्यमंत्री कहा कि प्राकृतिक सुगन्ध के साथ मुलायम,कुपोषण से लड़ने में सक्षम तथा कई बीमारियों से लड़ने वाला यह चावल जनपद सिद्धार्थनगर की विशेष पहचान है। इसमें शुगर की मात्रा नगण्य होती है, इसलिए यह मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यन्त लाभदायक है। इसका चयन कुपोषण से लड़ने के लिए भी किया जाता है।

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