कास्टिंग काउच को लेकर चित्रांगदा ने जवाब दिया है। चित्रांगदा कहती हैं अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा है। इस बात को लेकर लॉ बन रहे हैं और इसके माध्यम से प्रोटेक्ट करने की कोशिश की जा रही है तो यह अच्छी बात है। अगर वे कानून लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में जस्टिफाई करता है तो यह बहुत अच्छा है। कास्टिंग काउच बिल्कुल गलत है। सबसे अच्छी बात है कि पूरी दुनिया में इस बात को लेकर बातचीत हो रही है और लोगों ने इसे लेकर मन की बात रखी है। तो कहीं न कहीं अगर यह हमारी सिस्टम को भी लग रहा है कि इसे लेकर कदम उठने चाहिए तो यह अच्छे संकेत हैं। इसे करना चाहिए।
चित्रांगदा कहती हैं कि
चित्रांगदा कहती हैं कि टैलेंट ही एक मात्र मापदंड होना चाहिए, जिसके आधार पर किसी को भी काम करने का मौका मिले। चित्रांगदा कहती हैं कि मेरे पापा हमेशा कहते थे, कि हर चीज का एक चक्र होता है, तो जहां आपको लगेगा कि आपकी फिल्म को बेंचने के लिए टैलेंट की जरूरत है, कंटेंट की जरूरत है तो आपको अच्छी फिल्में बनानी होगी और टैलेंट को ही मौका देना होगा।
प्रोडयूसर की कुर्सी संभाल रही
चित्रांगदा पहली बार प्रोडयूसर की कुर्सी संभाल रही हैं और उनका कहना है कि जब उन्हें अच्छी फिल्में नहीं मिल रही थीं, उस वक्त उन्होंने काफी कुछ लिखना और पढ़ना शुरू किया। उसी दौरान सूरमा की कहानी उनसे टकराई थी। लेकिन उन्हें इस कहानी को फिल्म का रूप देने में काफी संघर्ष करना पड़ा। जिस दौर में वह यह फिल्म का प्रस्ताव लेकर प्रोडक्शन हाउसेज़ के पास जा रही थीं, उनका कहना था कि उस वक्त काफी बायोपिक बन रही है तो ये और बायोपिक क्यों?
फिर चित्रांगदा को इस बात को लोगों को समझाने में वक्त लगा था कि संदीप सिंह की कहानी क्यों कही जानी चाहिए। फिलहाल फिल्म बन कर तैयार है। फिल्म 13 जुलाई को रिलीज़ होगी और फिल्म का निर्देशन शाद अली ने किया है। फिल्म में दिलजीत सिंह ने संदीप सिंह की भूमिका निभाई है। – एजेंसी