लखनऊ। नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज लखनऊ में G-20 सम्मेलन के प्रचार प्रसार के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत एक सेमिनार (सिंपोजियम) का आयोजन किया गया। जिसका विषय था “लोकतंत्र और सतत विकास”। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो अनुराधा तिवारी ने की।
उन्होंने कहा कि मानवता के बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण संरक्षण अपरिहार्य है। हमें पर्यावरण को बचाने के लिए अपना योगदान दिन प्रतिदिन के जीवन में जरूर करना चाहिए जैसे ऊर्जा व पानी का अपव्यय ना करें। आनेवाली पीढ़ी के जीवन को सुरक्षित करने के लिए ऐसा विकास करें जो पर्यावरण को संरक्षित करे। संवहनीय विकास ही मानव जीवन की गारंटी है”।
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कार्यक्रम में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा पिंकी ने प्रकृति प्रेम पर एक स्वरचित कविता का पाठ किया। बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा अमरीशा मिश्रा ने लोकतंत्र की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकतंत्र केवल एक सरकार बनाने की विधि नहीं है बल्कि पर्यावरण के प्रति सजग रहने की जिम्मेदारी है, क्योकि दोनो ही मानव जीवन को बेहतरी को समर्पित हैं।
उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में अपना संबोधन देते हुए डॉ विशाल प्रताप सिंह ने कहा कि लोकतंत्र और सतत विकास एक दूसरे से जुड़े हुए हैं अगर सही अर्थों में लोकतंत्र को विकसित करना है तो सतत विकास को अपनाना होगा। एक अन्य वक्ता अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार ने कहा कि हमें प्रकृति के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए।
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पर्यावरण को बचाने के लिए पॉलीथिन के प्रयोग से बचना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ संजय बरनवाल ने किया और कहा कि विकास की दो मॉडल हैं एक मानव केंद्रित दूसरा प्रकृति केंद्रित। जो प्रकृति केंद्रित विकास है आज उसी को अपनाने की जरूरत है और वही पर्यावरण संरक्षण के लिए संजीवनी का कार्य करता है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ विशाल प्रताप सिंह ने किया। उक्त कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल