दिल्ली के मुख्यमंत्री लॉक डाउन के दौरान व्यवस्था कायम रखने में विफल रहे है। हमेशा की तरह उंन्होने भारी भरकम वादे किए,लेकिन उसपर क्रियान्वयन नहीं करा सके।
उन्होने लाखों श्रमिको को भोजन देने की बात कही थी। लेकिन यह भी संभव नहीं हुआ। दिल्ली से पलायन करने वालों को भीड़ विचलित करने वाली है। कोरोना से मुकाबले की तैयारी यहां तारतार हो गई।
इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रात भर जाग कर दिल्ली से आ रहे लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था स्वयं देखते रहे। इसके लिए पर्याप्त संख्या में बसें लगाई गई थी। इन यात्रियों के लिए भोजन व इलाज की व्यवस्था भी की गई थी।
फ्री बिजली पानी के मुद्दे पर चुनाव जीतना आसान है,लेकिन आपदा काल में अरविंद केजरीवाल अपनी क्षमता नहीं दिखा सके। केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। उसके हस्तक्षेप की संकटकालीन स्थिति यहाँ बन गई है।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री