– कई जिलों के किसानों ने राज्य सरकार और कृषि पदाधिकारियों से लगाई गुहार
पिछली गेहूं के फसल की बुआई के दौरान मनपसंद हाइब्रिड बीज नहीं मिलने से उत्तर प्रदेश के किसान पहले से ही परेशान थे। ऐसे में धान एवं मक्का उत्पादन के किसान आगामी फसल सीजन की तैयारियों को लेकर चिंता वक़्त कर रहे है हैं। हांलाकि धान और मक्का की बुआई शुरू होने में अभी देरी है, लेकिन बीते सीजन में मनचाहे बीज नहीं मिलने की वजह से किसान आने वाले सीजन में अच्छे हाइब्रिड बीज को लेकर परेशान हैं।
इस दौरान कई जिलों के किसानों ने धान और मक्का के पसंदीदा हाइब्रिड बीज नहीं मिल पाने की शिकायत की है और सरकार तथा कंपनियों से इसे उपलब्ध कराने की मांग की है।
किसानों को डर सता रहा है कि लॉकडाउन से उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बाद बीज की पसंदीदा वेरायटी समय पर नहीं मिलने से कहीं फसल उत्पादन प्रभावित न हो जाये। फोरम फॉर इंडियन जर्नलिस्ट्स ऑन एजुकेशन, इन्वायर्नमेंट, हेल्थ एंड एग्रीकल्चर (फिजीहा) को अपने नेटवर्क, सोशल मीडिया एवं अन्य स्रोतों से मिली शिकायतों के मुताबिक बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बाराबंकी, इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, गोरखपुर और महाराजगंज जिलों के किसानों को धान, जबकि फर्रूखाबाद, इटावा और कासगंज जिलों के किसानों को मक्का के लोकप्रिय हाइब्रिड बीज मिलने में दिक्कत हो रही है।
इन जिलों के दर्जनों किसानों ने धान के एस7002, एस4001, एनके6302, एनके5251, एराइज6444, 27पी31, 27पी37 इत्यादि, जबकि मक्का के एस6217, एनके7750, डीकेसी7074, पी1844, पी3401 इत्यादि बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की है। फिजीहा ने इस संदर्भ में प्रदेश के कई नेताओं एवं पदाधिकारियों को पत्र लिख कर धान एवं मक्का के किसानों की समस्याओं से अवगत कराया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कुछ जिलों में बड़ी संख्या में किसान पिछले कई वर्षों से धान की खेती के लिए एस7002, एस4001, एनके6302, एनके5251 इत्यादि बीज का प्रयोग कर रहे हैं। अच्छी पैदावार के कारण यह बीज लोकप्रिय है। आगामी सीजन के मद्देनजर किसान इसकी एडवांस खरीद के लिए क्षेत्र के बीज विक्रेताओं को फोन कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें यह जानकर निराशा हाथ लगी कि उनकी पसंद के बीजों की सप्लाई कुछ जिलों में नहीं आ रही है।
अयाज़ अहमद, कैसरजंग के किसान ने बताया कि उनके इलाके में अनेक किसानों ने पिछले साल धान बीज की एस7002 वेराइटी से खेती की थी, जिससे उन्हें काफी अच्छी आय हुई थी। लेकिन, इस साल स्थानीय मार्केट में यह वेरायटी उपलब्ध नहीं है। स्थानीय विक्रेता यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि इसकी सप्लाई कब तक आयेगी।
इसी तरह रोहित श्रीवास्तव, जनपद बहराइच के किसान ने बताया कि उनके गांवों में मक्के की खेती करनेवाले ज्यादातर किसान पिछले चार-पांच वर्षों से एस6217, एनके7750 इत्यादि बीजों का प्रयोग कर रहे थे, जिससे उन्हें काफी लाभ हो रहा था। लेकिन इस समय उनके जिले के बाजार में उन्हें यह बीज नहीं मिल पा रहा है।
कई किसानों ने धान एवं मक्का के लोकप्रिय बीजों के बारे में सिंजेंटा कंपनी से पूछताछ की तो पता चला कि उत्तर प्रदेश में सिंजेंटा के LP 17059 धान बीज का लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ है। इस वजह से कंपनी के अन्य बीजों की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।
ऐसे में चिंतित किसानों ने कंपनी के साथ-साथ राज्य सरकार और कृषि पदाधिकारियों से मांग की है कि धान और मक्का के बीजों की उनकी पसंदीदा वेरायटी क्षेत्र में उपलब्ध करवाने में मदद करें।