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सतावर की खेती है फायदेमंद, 50 हजार लगाकर करें 6 लाख रुपए तक कमाई

दया शंकर चौधरी

कोरोना ने ना सिर्फ लोगों की जिंदगी बदल दी है बल्कि कमाई का जरिया भी बदल दिया है। कोरोना की वजह से नौकरी गंवाने लोग अब बिजनेस या खेती बारी में हाथ आजमा रहे हैं। अगर आप भी इस फील्ड में हाथ आजमाना चाहते हैं तो औषिधीय पौधों (Medicinal Plant) की खेती एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। आयुर्वेद के अलावा अब एलोपैथ में भी कुछ दवाओं का निर्माण हर्ब्‍स से निकले केमिकल को यूज करके हो रहा है। यही कारण है कि इनकी मांग में बढ़ोतरी हुई है।

आज हम आपको एक ऐसे औषिधीय पौधे की खेती के बारे में बता रहें हैं जिसकी न सिर्फ डिमांड अच्‍छी है बल्कि अन्‍य की तुलना में कीमत भी बहुत अधिक है। आप शुरू कर सकते हैं सतावर की खेती। सतावर का उपयोग विभिन्‍न दवाएं बनाने में होता है। अगर इनकम की बात करें तो सतावर की खेती से कमाई भी अच्छी होती है।दो साल की इस फसल में आप महज 50 हजार रुपए लगाकर एक एकड़ फसल से ही 6 लाख रुपए तक इनकम कर सकते हैं।

कितने महीने में तैयारी होती है फसल: सतावर ए ग्रेड औषिधीय पौधा है। इसकी फसल 18 महीने में तैयार होती है। सतावर की जड़ से दवाएं तैयार होती हैं।इससे 18 महीने बाद गीली जड़ प्राप्त होती हैं। इसके बाद जब इनको सुखाया जाता है तो इसमें वजन लगभग एक तिहाही रह जाता है। मसलन अगर आप 10 क्विंटल जड़ प्राप्त करते हैं तो सुखाने के बाद यह केवल 3 क्विंटल ही रह जाती हैं। फसल का दाम जड़ों की गुणवत्ता पर ही निर्भर करता है। मार्केट से सतावर के बीज खरीदें और फिर खेत में बुआई करें। जानकारों का कहना है कि एक एकड़ में 20 से 30 क्विंटल की पैदावार हो जाती है और मार्केट में एक क्विंटल की कीमत 50 से 60 हजार रुपए है। सतावर को अगर प्लास्टिकल्चर विधि से लगाया जाए तो फसल को नुकसान कम होता है और पैदावार अच्छी ली जा सकती है।

कितनी होगी कमाई: सतावर की उपज को आयुर्वेदिक दवा कंपनियों को डायरेक्ट बेचा जा सकता है। या फिर आप इसे हरिद्वार, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, बनारस जैसे बाजारों में बेच सकते हैं। ऐसे में अगर आप बेहतर क्वालिटी की 30 क्विंटल जड़ें भी बेच पाते हैं तो आपको 7 से 9 लाख रुपए आसानी से मिल जाएंगे। अगर भाव और पैदावार कम मानी जाए तब भी 6 लाख रुपए तक आसानी से कमाए जा सकते हैं।

शतावरी के फायदे और नुकसान: आयुर्वेद में बहुत सी जड़ीबूटियों का जिक्र किया जाता है उनमें से एक शतावरी जड़ी बूटी है जो औषधीय में उपयोग किया जाता है। भारतीय आयुर्वदिक चिकित्सा में शतावरी बहुत पुराने समय से प्रचलित है। जड़ी बूटियों में कई प्रजातियां शामिल होती है और अनगिनत नामो से शतावरी को जाना जाता है जैसे की रेसमोसस (racemosus), तावरी, सतावर आदि। शतावरी का उपयोग मुख्य रूप से यौन संबंधित समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। कुछ शोध के अनुसार शतावरी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी अधिक फायदेमंद होता है। शतावरी जड़ीबूटी के और भी स्वास्थ्य लाभ होते है, तो चलिए इस लेख में शतावरी जड़ीबूटी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

शतावरी क्या हैं: शतावरी आयुर्वदिक जड़ीबूटी है और यह लिली परिवार से जुडी औषधीय मानी जाती है। पूरी दुनिया में शतावरी जड़ीबूटी अपने गुणों के लिए प्रसिद्ध है। शतावरी पौधे के हर भाग का उपयोग औषधीय बनाने में किया जाता है। हालांकि शतावरी तीन रंगो में पाया जाता है जिनमे सफ़ेद, हरा और बैगनी शामिल है। शतावरी के उपयोग बहुत से स्वास्थ्य संबंधित समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है। आइए आगे शतावरी के फायदों के बारे में जानकारी देंगे।

मधुमेह के लिए फायदेमंद: मधुमेह से पीड़ित लोगो के लिए शतावरी बहुत उपयोगी मानी जाती है। शतावरी में अच्छी मात्रा में विटामिन बी 6 होता है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित कर सकता है। मधुमेह प्रकार दो (type two) के लक्षणो को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। इन गुणों से इंसुलिन में सुधार देखा जाता है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सक की सलाह से आप शतावरी का उपयोग कर सकते है।

वजन कम करने में फायदेमंद: अगर वजन कम करना चाहते है तो शतावरी का उपयोग कर सकते हैं। कुछ शोध से पता चलता है की शतावरी वजन कम करने में फायदेमंद होते है। क्योंकि शतावरी में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो चर्बी को कम करता है और वजन को बढ़ने नहीं देता है। फाइबर से जल्दी भूख नहीं लगती है क्योंकि जिनको अधिक भूख लगने पर अधिक भोजन करते है और मोटापा का शिकार हो जाते है। इसलिए वजन को नियंत्रित करने के लिए शतावरी का उपयोग जरूर करें।

ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) में फायदेमंद: हमारे शरीर में हड्डिया बहुत महत्वपूर्ण कार्य करती है, यदि कोई भी हड्डी में चोट लगती है तो कार्य करना कठिन हो जाता है। जैसा की आपको पता है की उम्र बढ़ने पर हड्डियां कमजोर होने लगती है। जिससे व्यक्ति को हड्डियों से जुडी कोई समस्या या ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। लेकिन अपने आहार में शतावरी का उपयोग करें तो हड्डी की समस्या को कम किया जा सकता है। क्योंकि शतावरी में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डी को कमजोर होने नहीं देती है बल्कि मजबूत बनाती है। हड्डिया मजबूत होने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसे समस्या का जोखिम कम हो जाता है।

हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक: हमारे शरीर का पहला महत्वपूर्ण अंग हृदय है, इसलिए अपने हृदय का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। हृदय के स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए शतावरी बहुत उपयोगी होता है। इसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद हैं जो होमोसिस्‍टीन स्तर को कम करने में मदद करते हैं। होमोसिस्‍टीन एक ‘अमीनो एसिड’ होता है जो हृदय रोग को बढ़ाता है। इसके अलावा स्ट्रोक की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए शतावरी का उपयोग करना चाहिए, ताकि हृदय रोग की समस्या को कम किया जा सके।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद: पाचन तंत्र के लिए शतावरी बहुत अच्छा माना जाता है उसी तरह जैसे दही का सेवन किया जाता है। शतावरी में दही की तरह प्रोबायोटिक गुण होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। शतावरी में मौजूद घटक भोजन के पोषक तत्व को अवशोषित करने में मदद करता है। इसके अलावा शतावरी में फाइबर मौजूद होता है जो कब्ज की समस्या को होने नहीं देता है। अगर आप पाचन तंत्र की समस्या से परेशान है तो शतावरी चूर्ण का उपयोग जरूर करें।

शतावरी के नुकसान क्या हैं: जैसा की आपको पता है, किसी भी चीज का उपयोग हद से अधिक करने पर नुकसादायक परिणाम होते है। उसी तरह शतावरी जड़ीबूटी से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा में शतावरी लेने से सांस लेने में कठिनाई आ सकती हैं। शतावरी के दुष्परिणाम से त्वचा पर दाने या चकत्ते आ सकते हैं। सामान्य दुष्परिणाम में व्यक्ति को चक्कर आ सकते है। मात्रा से अधिक शतावरी का उपयोग करने से आंखो में खुजली और त्वचा में खुजली की समस्या हो सकती है। कुछ ऐसे भी लोग है जिनको शतावरी के उपयोग से एलर्जी है उनको इससे बचना चाहिए।

शतावरी का उपयोग लोग पेशाब की समस्या ठीक करने के लिए करते है। यदि दस्त की समस्या है तो शतावरी का उपयोग करने से बचना चाहिए। जिन लोगो को गुर्दे की पथरी है, उनको शतावरी का उपयोग करने से बचना चाहिए। ऐसा, इसलिए शतावरी गुर्दे की समस्या और बढ़ा सकती हैं। अगर आपको शतावरी के उपयोग से स्वास्थ्य में किसी प्रकार की अनियमियता हो रही है, तो तुरंत अपने नजदीकी सामान्य चिकिस्तक से संपर्क करें। हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। हम आपको किसी तरह दवा, उपचार की सलाह नहीं देते हैं। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। क्योंकि आपके लिए उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं हो सकता है।

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