उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की तरह बख़्शी का तालाब इलाके में भी आज भोर में तेज आंधी-पानी के साथ भीषण ओलावर्ष्टि हुई है। इससे खेतों में तैयार खड़ी रबी की विभिन्न फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
बीकेटी इलाके में 100 ग्राम से अधिक वजन के पत्थर गिरे हैं। यहां भोर 4 बजे से 5 बजे के मध्य तबाही मची है। इंद्रदेव ने किसानों की कमर तोड़ दी है। रबी की पकी, अधपकी फसलों की क्षतिपूर्ति कोई नहीं कर सकेगा।
सरकार से मिलने वाला मुआवजा ऊँट के मुंह जीरा के समान होता है। किसान का पूरा साल इसी रबी फसल के उत्पादन पर निर्भर होता है। किसान रबी साल बेचकर ही अपना कर्ज उतारता है। बच्चों की बकाया फीस जमा करता है। इसी से वह गृहस्थी की जरूरतें पूरी करता है। परन्तु, आँधी पानी व ओलावर्ष्टि से उसकी फसल ही बर्बाद हो गई।
सबसे ज्यादा नुकसान सरसों, गेहूँ, आलू, मटर, अरहर, आम की फसल को हुआ है। वहीं, फल, फूल व सब्जियों की फसलों भी काफी नुकसान पहुंचा है। इसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता। बस, किसानों को विगत वर्षों की भांति यह क्षति भी झेलनी होगी। इससे जैसे तैसे उबरना होगा।