लखनऊ। ओडीओपी योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना रही है। इसके तहत सभी जिलों में औद्योगिक विकास की अलख जगाना था। इसमें उल्लेखनीय सफलता भी मिली है। संभावना है कि निकट भविष्य में उत्तर सर्वाधिक निर्यात करने वाला राज्य बन सकता है। बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इसकी जानकारी दी।
पिछले तीन वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जिसके माध्यम से सैंतीस लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। परंपरागत उद्यमों के लिए प्रशिक्षण व पूंजी की व्यवस्था की गई है। इसके तहत बैंकों से जोड़ने एवं टूलकिट उपलब्ध कराने का कार्य चल रहा है। सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की है। मिट्टी के बने बर्तनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे कुम्हारों को लाभ मिल रहा है। माटी कला बोर्ड का गठन किया गया।
कुम्हारों तथा इस उद्योग से जुड़े लोगों तालाबों से निःशुल्क मिट्टी दिए जाने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से कारीगरों की क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई। योगी ने कहा कि प्रत्येक जनपद को युवा हब के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसमें प्रथम चरण में तीस हजार से अधिक स्टार्टअप तैयार किये जाएंगे। पहली बार उत्तर प्रदेश में श्रमिकों और निराश्रित बच्चों के लिए अठारह मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय संचालित किये गये हैं।
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के साथ आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ के एमओयू किया गया। योगी ने कौशल सतरंग कार्यक्रम के शुभारम्भ भी किया।