नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और जलवायु परिवर्तन क्षेत्र के शीर्ष विशेषज्ञों के साथ बजट पूर्व सलाह-मशविरा किया. बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण 14 दिसंबर 2020 से अलग-अलग सेक्टर से जुड़े शीर्ष विशेषज्ञों के साथ बजट पूर्व चर्चा कर रही हैं. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस बार सभी बजट पूर्व बैठकें वर्चुअली हो रही हैं.
बजट पूर्व चर्चा के लिए बुलाई गई आज की बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण के अलावा वित्त व कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव डॉ. एबी पांडे, मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि वित्त मंत्री सीतारमण ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय बजट 2021-22 के संबंध में बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में शीर्ष विशेषज्ञों के साथ 11वां बजट पूर्व विचार-विमर्श किया.
इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च को बढ़ाया जाएगा
वित्त मंत्री ने हाल में कहा था कि आगामी बजट (Budget 2021-22) में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा. अर्थव्यवस्था पर इसका कई गुना अधिक असर देखने को मिलता है. साथ ही कहा था इससे अर्थव्यवस्था में टिकाऊ रिकवरी देखने को मिलेगी. बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी 2021 को संसद में पेश किए जाने की उम्मीद की जा रही है. इस साल कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में बजट का महत्व बढ़ गया है. सरकार ने आम लोगों से भी बजट 2021 के लिए सुझाव मांगे थे. बजट 2021-22 की चर्चाओं में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने MyGov प्लेटफॉर्म पर सुविधा दी थी.
आर्थिक वृद्धि की गति बनाए रखने पर रहेगा जोर
वित्त मंत्री ने 14 दिसंबर से विभिन्न हितधारकों के साथ बजट पूर्व चर्चा शुरू की थी. उन्होंने कहा था कि बजट 2021 आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखने पर केंद्रित होगा. इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर सार्वजनिक खर्च जारी रखने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विनिवेश पर असर पड़ा है, लेकिन उसकी गति आने वाले महीनों में तेज होगी.