बहराइच. बोर्ड परीक्षा नजदीक आते ही जिले भर में नक़ल माफियाओं का गैंग जोर शोर से सक्रीय हो गया है।सूत्रों की माने तो तमाम वित्त विहीन विद्यालयों में बाकायदा कॉपी तक लिखवाने का ठेका लिया जा रहा है।इस खेल में करोड़ों का खेल होता है। जनपद में तमाम ऐसे वित्त विहीन विद्यालय है जो नक़ल कराने के नाम पर प्रसिद्धि पा चुके है। एक तरफ प्रशासन का लचर रवैया जहाँ नकल माफियाओं का हौसला बुलंद करता है तो वहीं दूसरी ओर विभाग द्वारा बिना मानक के डिग्री धारक प्रधानचार्यों को केंद्र व्यवस्थापक बना देना भी एक तरह से नक़ल माफियाओं को संजीवनी बूटी प्रदान करने जैसा कार्य है। जनपद में नक़ल माफियाओं का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जो ऊँची पहुँच के बल पर नक़ल कराने जैसे जघन्य अपराध को बड़ी आसानी से अंजाम देते आ रहे है। मानक छमता से अधिक एडमिशन हो,छात्रवृति हड़पना हो जनपद बहराइच में यह सब कुछ बहुत आसानी से किया जा सकता है,क्योंकि जिम्मेदार कार्यवाही न करके मौन रहना ज्यादा उचित समझते है। नक़ल माफियाओं के बुलंद हौसलों के चलते यहाँ के होनहार छात्रों को कम परसेंटेज से संतोष करना पड़ता है तो वहीं दूसरी ओर बाहर से आए छात्र नक़ल करके बढ़िया परसेंटेज हासिल कर लेते है। देखने वाली बात यह होगी की प्रशासन नक़ल माफियाओ पर अंकुश लगाने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाएगी। क्या इस वर्ष नक़ल विहीन परीक्षा संभव हो पायेगी या फिर प्रत्येक वर्ष की तरह नक़ल माफियाओं का बोलबाला रहेगा?
रिपोर्ट- फराज अंसारी