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फिरोजाबाद : बदलेगा चंद्रवार गेट अंडरपास का नक्शा

फिरोजाबाद। नगर विधायक मनीष असीजा का कोविड-19 के संक्रमण काल में धन की कमी का सामना करने के दौरान में फीरोजाबाद के लिये निर्माण कार्य के लिये दो करोड़ की स्वीकृति कराना बहुत बड़े कार्य की श्रेणी में आने वाला कार्य है।

बता दें कि चंद्रवार गेट की पुलिया के नाम से प्रसिद्ध रेलवे अंडर पास संख्या 84 वर्तमान स्थिति में मात्र तीन मीटर चौड़ाई का अंडरपास है तथा 1.5-1.5 मीटर की पैदल चलने की पटरियां हैं। इसके अंदर से वाहन निकलने के लिये मात्र तीन मीटर चौड़ाई का रास्ता है जो, दोनों तरफ की लाखों की आबादी/नागरिकों के आवागमन तथा वाहनों के गुजरने के लिये अत्यधिक छोटा पड़ता है। लाखों की आबादी के दोनों तरफ आवागमन के लिये इस एक मात्र अत्यंत संकरे मार्ग पर भीषण जाम लगा रहता है।

बरसात में पानी भर जाने के कारण आवागमन बहुत बुरी तरह से प्रभावित होता है। प्रतिवर्ष जाम आदि के कारण रेलवे पटरी से चढ़ कर रास्ता पार करने के चलते बड़ी संख्या में नागरिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इस संकरी पुलिया के कारण लाइनपार रामनगर क्षेत्र में आपात स्थिति में फायर बिग्रेड की गाड़ी नहीं निकल सकती है। विपरीत परिस्थितियों में एम्बुलेंस, क्रेन आदि वाहन भी नहीं गुजर पाते इसके साथ साथ यमुना किनारे स्थिति प्राचीन चन्द्रवाड़ जैन मंदिर, पसीना वाले हनुमान जी का मंदिर एवं सूफी साहब की मजार भी इस क्षेत्र में स्थापित है एवं तीनों स्थानों पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या वाले पारंपरिक मेलों का आयोजन होता है।

उक्त सभी तथ्यों को लेकर नगर विधायक मनीष असीजा द्वारा केंद्र सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में अत्यंत प्रभावी पैरोकारी की। इस क्रम में केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, उप्र सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सहित सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ व्यक्तिगत भेंट नगर विधायक द्वारा की गयी। स्थानीय स्तर पर डीएम फिरोजाबाद, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, जल निगम, नगर निगम एवं रेलवे विभाग का सहयोग प्राप्त करते हुये पूरा प्रस्ताव शासन को भिजवाया।

इस प्रस्ताव को भेजने से पहले उत्तर मध्य रेलवे तथा लोक निर्माण विभाग के साथ कई बार स्थलीय निरीक्षण किया गया। बारीकी से प्रस्ताव बनाया, फिर समीक्षा करते हुये उसको कई बार संशोधित कराया गया। कई बार चली इस प्रक्रिया के इस प्रस्ताव को शासन को भेजा गया। जहां उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम स्तर के अधिकारियों के साथ इस प्रस्ताव पर मत बनाया गया।

इस प्रस्ताव में उप्र सरकार द्वारा 11 करोड़ 89 लाख 45 हजार की वित्तीय एवं प्रशासनिक सहमति प्रदान करते हुये वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये दो करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त/जारी कर दी है। यह तथ्य उल्लेखनीय है कि लगभग 12 करोड़ की धनराशि के इस कार्य को कराने के लिये उप्र सरकार रेलवे विभाग इस धनराशि से डिपाजिट वक्र्स के आधार पर नई पुलिया का निर्माण करेगा। बताया कि नई पुलिया दो भागों में बनाई जायेगी, प्रत्येक पुलिया की चौड़ाई 4.5 मीटर होगी और ऊंचाई 3.5 मीटर होगी। इस प्रकार वर्तमान तीन मीटर चौड़ी पुलिया के स्थान पर 4.5 मीटर की दो पुलिया (कुल नौ मीटर) चौडाई नौ मीटर की पुलिया निर्माण होने तथा वन-वे आवागमन के कारण इस क्षेत्र के लिये यह एक दीर्घकालीन-जीवनदायी कार्य सिद्ध होगा।

रिपोर्ट-फरमान बबलू

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