नई दिल्ली। ई-कॉमर्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी फ्लिपकार्ट Flipkart पर बहुत जल्द बोलकर शॉपिंग की जा सकेगी। कंपनी ने बुधवार को कहा कि उसने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआइ) की मदद से भाषा समझने की तकनीक मुहैया कराने वाली स्टार्टअप कंपनी लिव डॉट एआइ का अधिग्रहण कर लिया है। हालांकि कंपनी ने अभी इस सौदे की रकम जाहिर नहीं की है।
Flipkart का मानना है
फ्लिपकार्ट Flipkart का मानना है कि इससे आने वाले दिनों में उसके ग्राहक आधार में 20 करोड़ तक की बढ़ोतरी होगी।लिव डॉट एआइ की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी। वह स्पीच टु टेक्स्ट यानी बोली को भाषा में बदलने वाला एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआइ) विकसित करने वाली पहली भारतीय कंपनी है। लिव डॉट एआइ वर्तमान में हिंदी, बंगाली, पंजाबी, मराठी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, तेलुगू और मलयालम समेत 10 भारतीय भाषाओं में बोले गए शब्दों को लिखावट में बदलने की क्षमता रखती है।
इसका मतलब यह है कि सुविधा शुरू हो जाने के बाद इन भाषाओं के ग्राहक फ्लिपकार्ट की वेबसाइट पर बोलकर शॉपिंग कर सकेंगे। इस अधिग्रहण के बाद लिव डॉट एआइ आधिकारिक रूप से फ्लिपकार्ट के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का हिस्सा हो जाएगी।
सौदे की शर्तों के तहत कंपनी के संस्थापकों सुबोध कुमार, किशोर मुंद्रा और संजीव कुमार समेत उसके सभी कर्मचारी अब फ्लिपकार्ट के कर्मचारी हो जाएंगे। फ्लिपकार्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की अगली पीढ़ी दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों और कस्बों से आने वाली है, जिसके लिए संवाद के तौर पर स्थानीय भाषा ही सबसे पसंदीदा है।