ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने अपनी टीम के बल्लेबाजों पर निशाना साधा है, क्योंकि टीम चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-2 से पिछड़ गई है।
कहीं डिप्रेशन की शिकार तो नहीं हैं किशोरियां?
इसके अलावा उन्होंने भारतीय पिचों की आलोचना भी की है और कहा है कि भारत की पिच यूनिक हैं और वे भारतीय बल्लेबाजों को ही सूट करती हैं। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मैच एक मार्च से इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया टीम की चोटों को समस्या का सामना करना पड़ा है, जबकि तीसरे टेस्ट के लिए कप्तान पैट कमिंस भी उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, अच्छी बात ये है कि कैमरोन ग्रीन और मिचेल स्टार्क की वापसी संभव है, जिन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी है। इंदौर में खेले जाने वाले तीसरे मैच में मेहमान टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ होंगे।
104 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के लिए 7525 रन बनाने वाले मार्क टेलर ने कहा कि वे भारत में ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेले हैं, लेकिन 1998 का दौरा उन्हें याद आता है, जहां दो टेस्ट हारने के बाद कंगारू टीम ने वापसी की थी।
मार्क टेलर ने वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्ट्स पर कहा, “हां, ऑस्ट्रेलिया में स्थितियां अलग हैं। हां, ऑस्ट्रेलियाई टीम इन दिनों आईपीएल को लेकर वहां ज्यादा जाती है, लेकिन वहां की पिचें यूनिक हैं। इसमें कोई शक नहीं है। वे धीमे लो टर्नर बना रहे हैं, जो उनके खेल के अनुकूल हैं।
हम इस तरह की पिचों पर खेलने के आदी नहीं हैं। हम वहां एक मानसिकता के साथ गए कि सकारात्मक रहें, आक्रामक रहें जो कि खराब मानसिकता नहीं है, लेकिन उसके लिए आपके पास एक तकनीक होनी चाहिए। दूसरे टेस्ट में एग्जक्यूशन खराब था।”