मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय मंगलवार को ईडी के सामने पेश हुए। संजय पांडे ने 2001 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था. उसके बाद उन्होंने एक आईटी ऑडिट फर्म बनाई थी.
फिर जब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो वे पुलिस सेवा में वापस आ गए और उन्होंने फर्म में अपने बेटे और मां को निदेशक बना दिया. पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे 30 जून को ही सेवानिवृत्त हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि संजय पांडेय को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। वह दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में पेश हुए। पीएमएलए एक्ट के तहत उनके बयानों को रिकॉर्ड किया गया।
2010 और 2015 के बीच Isec Services Pvt Ltd नाम की फर्म को NSE सर्वर और सिस्टम का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था. इसी मामले को लेकर पहले इसमें सीबीआई ने जांच की थी और अब ईडी जांच कर कर रही है.
इसके अलावा एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण पर भी जुर्माना लगाया गया है. सेबी ने चित्रा रामकृष्ण पर 5 करोड़ रुपये व 2 पूर्व अधिकारियों सुब्रमण्यम आनंद और रवि वाराणसी पर 5-5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.