पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले साल गिरफ्तारी के बाद भड़के दंगों के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि सेना को उनसे माफी मांगनी चाहिए क्योंकि हिंसा के दिन अर्धसैनिक रेंजरों ने उनका ‘अपहरण’ कर लिया था।
पिछले साल भड़की थी हिंसा
71 वर्षीय खान को पिछले साल नौ मई को पाकिस्तान रेंजर्स ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी पेशी के दौरान गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थकों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और दंगे भड़का दिए थे और देशभर में नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया था।
इन लोगों ने की मांग
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अहमद शरीफ ने इस साल सात मई को कहा था कि पीटीआई के साथ कोई भी बातचीत तभी हो सकती है, जब पार्टी अपनी अराजकता की राजनीति के लिए माफी मांग ले। इस बयान के बाद विभिन्न संगठनों से मांग की गई कि खान माफी मांगें। हालांकि, इमरान खान ने इससे साफ इनकार कर दिया है।
इमरान खान ने किया इनकार
रावलपिंडी की अदियाला जेल में शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान खान से जब पूछा गया कि क्या वह नौ मई की हिंसा के लिए माफी मांगेंगे तो उन्होंने कहा कि उनके पास माफी मांगने की कोई वजह नहीं है।
पिछले कुछ हफ्तों से बार-बार सरकार से नहीं बल्कि सेना से बात करने की इच्छा जाहिर करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ने अपना रुख दोहराते हुए कहा कि वह वास्तविक अधिकारियों से ही बातचीत करेंगे क्योंकि सरकार के साथ बातचीत करना बेकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के साथ बातचीत का प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि इस क्षेत्र में अघोषित मार्शल लॉ है।