रूरा/कानपुर देहात। कोराना काल में आक्सीजन का महत्व हर व्यक्ति को अच्छे से समझ में आ चुका है राष्ट्रीय वन नीति का सम्मान करते हुए हमारे संविधान के अनुच्छेद इक्यावन ए की उपधारा छ: से तेंतीस प्रतिशत भू भाग को वनाच्छादित करना हमारा मूल कर्तव्य है। उक्त बात नेपाल देश से गांधी पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त शान्या ने वन महोत्सव की पूर्व संध्या पर मण्डी समिति के पास रूरा में फाइकस, अशोक और केले के पांच पौधे रोपित करते हुए कही।
नेपाल देश के राज्यपाल/प्रदेश प्रमुख द्वितीय रत्नेश्वर कायस्थ से गाँधी पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त शिवम ने पौधारोपण करते हुए बताया कि अशोक का पेड़ शोक का नाश करनेवाला और नकारात्मक ऊर्जा का अवशोषक है। अमृत बाँटते करके विष पान, वृक्ष स्वयं शँकर भगवान। हरा वृक्ष है जीवन दाता प्राणवायु और वर्षा लाता।
हम हर दिन इक्कीस सौ रुपये कीमत के तीन सिलेंडर आक्सीजन का अवशोषण करते हैं। सत्तर साल की आयु तक पाँच करोड़ उन्तीस लाख रुपये की प्राकृतिक आक्सीजन अवशोषण का कर्ज हो जाता है। इस अवसर पर वनमहोत्सव का आकर्षक पोस्टर लेकर नन्ही बच्ची नंदिनी यादव पौधारोपण की शोभा बढ़ा रही थीं।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर