नई दिल्ली। वैसे तो देश की राजधानी दिल्ली में भव्य इमारतों की एक विस्तृत श्रृंखला है। लेकिन पर्वतों में सुंदर और विशालता का जो स्थान हिमालय का है, वही स्थान दिल्ली में बने राज्यों के भवनों में ‘गरवी’ गुजरात भवन का है। दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य रूप से गरवी गुजरात भवन को निहारना भी एक विशेष आकर्षण है।
इस भवन के निर्माण में धौलपुर व आगरा पत्थरों का उपयोग किया गया है। आंतरिक रूप से ग्रेनाइट और संगमरमर के व्यापक उपयोग के साथ लाल कोटा पत्थर से निर्मित ‘गरवी गुजरात’ भवन दिल्ली के सबसे खूबसूरत और प्रतिष्ठित सरकारी इमारतों में से एक है। जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक स्थापत्य शैली का शानदार मिश्रण है। 7066 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस भवन के निर्माण में भावना का भी महत्त्वपूर्ण योगदान है। यहां की एक एक चीज़ चुन चुन कर लायी गयी है और उसकी जगह भी बड़ी सोच समझकर तय की गयी है।
लुटियन दिल्ली में अकबर रोड पर बने इस इमारत की सुंदरता और भव्यता को कई बार बाइक रोककर लोगों को निहारते और बखान करते देखा जा सकता है। जैसे जैसे सूरज ढलने लगता है वैसे वैसे गरवी गुजरात की यह इमारत रोशनी से सराबोर होने लगती है। देर शाम रोशनी में नहाया यह भवन और अधिक चमकने लगता है। सिटी टूर ऑपरेटर, अक्सर पर्यटकों को गुजरात राज्य के नए गेस्ट हाउस गरवी गुजरात भवन में लाकर पश्चिमी राज्य की समृद्ध कला और संस्कृति का अनुभव कराते हैं।
गरवी गुजरात भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कैप्टन प्रशांत सिंह ने बताया कि “इस भवन की सुंदरता और भव्यता देखने आने वाले लोगों की संख्या को सीमित और संतुलित करने के लिए हमें कई लोगों से यहां आने के समय में परिवर्तन करने अनुरोध करना पड़ता है । इस भवन की निगरानी में 134 सीसीटीवी कैमरों के अलावा हर समय सुरक्षा दल मौजूद रहता है। किसी राज्य का दिल्ली में यह पहला भवन है, जो पहला पर्यावरण के सर्वथा अनुकूल है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सितम्बर 2017 में इस भवन का शिलान्यास किया था। जबकि अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्धाटन किया। इस अत्याधुनिक भवन में 19 सूट, 59 अन्य रूम, बिजनेस हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, मीटिंग रूम, चार लाउंज, लाइब्रेरी, योगा सेन्टर, जिम्मेजियम, रेस्टोरेंट, ड़ाइनिंग हॉल सहित अन्य कई सुविधाएं हैं।
गुजरात सरकार के सूचना संयुक्त निदेशक नीलेश शुक्ला बताते हैं कि छह मंजिला इमारत में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी परिषद, निर्वाचित प्रतिनिधियों और राज्य के शीर्ष अधिकारियों के लिए पांच सितारा सुविधाओं से लैस एक शानदार गेस्ट हाउस भी है। दिलचस्प बात यह है कि इस भवन में केवल गुजरात के मंत्री, अधिकारी और राजनेता ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों की सार्वजनिक हस्तियां भी छोटी यात्राओं के दौरान रहना पसंद करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि “कुछ महीने पहले टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने भी अपने दौरे के दौरान इस भवन के गेस्ट हाउस, सुविधाओं और उनके आतिथ्य की सराहना की थी।”
भवन के दो अलिंदों को गुजरात की समृद्ध कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए डिजाइन किया गया है। अंदरूनी हिस्सों में प्रसिद्ध लिप्पन वर्क, कच्छ और वरली चित्रों से डांग के कारीगरों द्वारा महल की इमारत की दीवारों को चित्रित कराया गया है। साथ ही लकड़ी और पीतल की कलाकृतियों ने इस साज सज्जा में चार चांद लगाने का काम किया है। गुजराती कला को प्रदर्शित करती एक थीम से गरवी गुजरात के प्रत्येक मंजिल को विशेष रूप दिया गया है।
पहली अलिंद की छत पर एक विशाल झूमर और मोढ़ेरा के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर की प्रतिकृति राजसी रूप देती है। वहीं ऊपर से देखने पर विशिष्ट कलाकृति फर्श को कालीन के रूप में दिखती है। दूसरी आलिंद के बीच में लकड़ी का एक बड़ा झूला है साथ यहां की विशिष्ट गुजरात कलाकृति इसे हवेली का रूप देती है। छठे तल तक एक बड़ा बगीचा, जिसमें छोटा तालाब मेहमानों को आनंदित करता है।
नीलेश शुक्ला बताते हैं गरवी गुजरात का रेस्तरां पूरी तरह से शाकाहारी है। जिसमें विशिष्ट प्रकार के गुजराती स्नैक्स और पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के समय कहा था कि गुजराती जब घर होते हैं तो जो खाना चाहते हैं खा सकते हैं, जब वे यात्रा करते हैं तो वे विशिष्ट गुजराती भोजन पसंद करते हैं। यह रेस्तरां उन लोगों की इस प्रकार की जरूरत को पूरा कर रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली आने वाले पर्यटकों की लिस्ट में यह भवन अब मुख्य रूप से जगह लेने लगा है। यहां आपको गुजरात की गौरवशाली, पारंपरिक और सांस्कृतिक झलक देखेने को मिलती है।
शाश्वत तिवारी