वॉशिंगटन डीसी मेट्रो पुलिस विभाग के ट्विटर अकाउंट को देखकर ऐसा लगता है कि यहां बच्चों का गायब होना एक बड़ी समस्या बन गई है। लेकिन क्या वाकई वॉशिंगटन की सड़कों से गायब होने वाले बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है?
पुलिस हमेशा ही गायब होने वालों की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करती है, लेकिन इस साल नए पुलिस कमांडर ने गंभीर मामलों में ट्विटर का सहारा लेने का निर्णय लिया है, और जबसे ऐसा किया जाने लगा है, गायब होने वाले लोगों का मुद्दा सोशल मीडिया पर जोर पकड़ने लगा है। हर महीने गायब होने वालों की यह सूची करीब 200 लोगों की है जिनमें अधिकांश लड़कियां हैं।
पुलिस प्रवक्ता एलाइना गर्ट्ज का कहना है कि गायब हुए लोगों के ट्वीट तो लोग देखते हैं, लेकिन उनके मिलने के बावत जो ट्वीट होते हैं उन्हें नहीं देखा जाता।
नतीजतन ये धारणा बनती है कि लड़कियां बड़ी संख्या में गायब हो रही हैं और किसी को इसकी फिक्र नहीं है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया गया कि इस हफ्ते 14 लड़कियां गायब हुईं. हालांकि ये दावा गलत था।
गायक रिचर्ड मार्क्स ने ट्वीट किया, अगर 14 श्वेत किशोरियां लांग आइसलैंड से गायब हो गईं तो क्या आप सोचते हं कि सीएनएन या फॉक्स न्यूज ये खबर देगा?। राजनीतिज्ञ बराकी सेलर्स ने लिखा, ष्अमरीका की सबसे बड़ी खबर होनी चाहिए कि 14 काली लड़कियां डीसी से गायब हो गईं। ये हो क्या रहा है?
सोशल मीडिया पर मचे इस बवाल के बाद वॉशिंगटन डीसी सिटी कांउसिल सदस्य ट्रेयान व्हाइट को इस मामले पर बुधवार को मीटिंग करनी पड़ी। कांग्रेस के ब्लैक कॉकस चेयरमैन और डीसी प्रतिनिधि की ओर से अमरीकी न्याय विभाग और संघीय जांच एजेंसी के निदेशकों को इस मामले में हस्तक्षेप करने की चिट्ठी मिली।
लेकिन पुलिस विभाग का कहना है कि 2017 में गायब होने वाली लड़कियों का पता लगाया जा चुका है। असल में यह संख्या कम हुई है। औसतन हर महीने गुमशुदा होने वालों की संख्या 2016 में 200 थी जबकि 2017 में 190 हो गई। पुलिस के अनुसार अधिकांश मामले 24 से 48 घंटों में सुलझा लिए गए. इस साल 501 मामलों के सुलझा लिया गया है और इनमें ज्यादातर ने घर से भागने की कोशिश की थी।इस समय यहां 21 साल से कम उम्र के 22 लोग लापता हैं। खासकर काली और लातिनी लड़कियों के लापता होने की घटनाओं ने इसकी गंभीरता को बढ़ा दिया है।
मार्च 2014 में शहर के सबसे बड़े पारिवारिक बेघर आश्रय गृह से आठ साल की लड़की रेलिशा रड गायब हुईं। वीडियो फुटेज में उन्हें अंतिम बार एक गार्ड के साथ जाते देखा गया।
इस आदमी ने अपनी पत्नी और खुद को मार डाला. रेलिशा का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
राष्ट्रीय स्तर पर काली लड़िकियों के लापता होने की घटनाएं बहुत ज्यादा हैं. लेकिन पुलिस का कहना है कि अधिकांश मामले घर से भागने के हैं। कमांडर शैनल डिकर्सन इस बात से चिंतित दिखे, ष्ये दिल दहलाने वाला है कि नौजवान घर से भाग रहे हैं क्योंकि उन्हें कोई और विकल्प नहीं सूझता। उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद करने आश्वासन दिया, लेकिन मेयर मूरियेल बॉउजर इससे आश्वस्त नहीं दिखते, उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद के लिए अधिक फंड जारी करने की घोषणा की।
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