संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन (Global Buddhist Summit) में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया।
आज दुनिया युद्ध की जिस पीड़ा से गुजर रही है, भगवान बुद्ध के संदेशों में उससे भी उबरने का मार्ग है। जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है। pic.twitter.com/RV67Ohe2xp
— Narendra Modi (@narendramodi) April 20, 2023
उद्धघाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं युद्ध, आर्थिक अस्थिरता, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन सहित दुनिया के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों के समाधान का आधार हैं। बुद्ध ने सदियों पहले युद्ध और अशांति के लिए एक समाधान प्रदान किया था जिससे दुनिया वर्तमान में जूझ रही है।
सत्र को संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी संबोधित किया जबकि संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मीनाक्षी लेखी और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव धम्मपिया इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने एक फोटो प्रदर्शनी का दौरा किया और बुद्ध की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। उन्होंने बांग्लादेश, भूटान, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और मैक्सिको के प्रतिनिधियों सहित 19 प्रतिष्ठित भिक्षुओं को भिक्षु के वस्त्र या “चिवर दान” की पेशकश की।
आज हमें बुद्ध के इस वचन को विशेष रूप से याद रखना है… pic.twitter.com/JkRDB3LucJ
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विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया कि नई दिल्ली में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जुड़ना सम्मान की बात है। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन संगठन भगवान बुद्ध के मूलभूत मूल्यों पर विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करेगा जो वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान कर सकता है।
संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 300 से अधिक प्रतिनिधिमंडल निर्धारित किए गए थे।
दुनियाभर में भगवान बुद्ध के करोड़ों अनुयायियों का सामर्थ्य जब एक साथ कोई संकल्प लेता है, तो वो असीम ऊर्जा से भर जाता है। मुझे विश्वास है कि दिल्ली में हो रहा पहला Global Buddhist Summit इस दिशा में एक प्रभावी मंच का निर्माण करेगा। pic.twitter.com/ecfvh3EjMe
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कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और मैक्सिको जैसे देशों के लगभग 170 विदेशी प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और वियतनाम और श्रीलंका ने शिखर सम्मेलन के लिए बड़े प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं, जिसका विषय “समकालीन चुनौतियों का जवाब: व्यवहार के लिए दर्शन” है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी