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वो बचपन की यादें और ननिहाल के सुनहरे पल

अब जबकि लॉक डाउन के दौरान सभी अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में अंश वेलफेयर फाउंडेशन एक Online Activity चला रही है। संस्था 2013 से महिला सशक्तिकरण, कला व संस्कृति, अध्यात्म, ज़रूरतमंदो की आवश्यकता की पूर्ति आदि पर काम करती आई है। आज की एक्टिविटी का विषय था “ननिहाल के सुनहरे पल।”

संस्था की अध्यक्ष श्रद्धा सक्सेना का मानना है कि हमारा बचपन जितना खूबसूरत होता है, शायद जीवन का उतना खूबसूरत पल अन्य कोई नहीं होता। इस अवस्था में इंसान हर फिक्र, हर ज़िम्मेदारी से अपरिचित होता है। छल, बुराई और अन्य सामाजिक कुरीतियों से दूर बचपन की मौज-मस्तियाँ जीवन भर हर किसी को याद रहती हैं।

आज अक्षय तृतीया के अवसर पर उसी बचपन की सुनहरी यादों को ताजा करते हुए लोगों को अपने बचपन से जुडी कोई किस्सा-कहानी, कोई अनुभूति, मीठी यादों को नाना-नानी, मामा-मामी के साथ बिताये गए पलों की फ़ोटो के साथ भेजना था। इसके साथ ही एक्टिविटी में भाग ले रहे प्रतिभागियों को अपने ननिहाल में बिताए गए बचपन के दिनों की फ़ोटो पर “stay home stay safe” का संदेश भी लिखना था।

ऑनलाइन एक्टिविटी में शामिल होते हुए अंशिका सक्सेना, शिखा सूरी, मिनी सक्सेना, श्वेता भारद्वाज, नीरजा शुक्ला, अनुराज सक्सेना, स्नेहलता सिंह, ममता सिंह, सताक्षी तिवारी, अखिलेश मिश्रा, सुनीता राय, मीनाक्षी राय, पीयूषिका जायसवाल, आकांक्षा ओझा, मधु कीर्ति, अर्चना गोस्वामी, स्वरा त्रिपाठी, आभा सिंह, रेनू अग्रवाल, पारुल वर्मा जंग, तान्या मिश्रा, मधुरिमा बाजपेई, आयुष अग्रवाल, पंकज श्रीवास्तव, विजय मोहन वर्मा, रेनुका सिंह, सूर्य प्रकाश पाठक, रियांशु जैन, सपना सक्सेना, मुकेश कुमार सिंह, रितु गुप्ता, अंकुर सक्सेना सुअंश, अजय मोहन वर्मा की प्रविष्टियां मुख्य रूप से आईं। सभी प्रतिभागी आज बचपन में बिताये गए उन सुनहरे पलों को याद कर भावुक हो गए।

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