लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने भाजपा सरकार के तीन वर्षों का कार्यकाल पूरा करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार, सड़क, बिजली, पानी, किसान, नौजवान, महिलाएं, अल्पसंख्यक पिछडे़ सभी जनहित के मुद्दो पर विफल रही है। अपनी इसी नाकामी को छुपाने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश को आराजकता की भेंट चढ़ा दिया गया है। सीएए विरोधी आन्दोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों के साथ यह सरकार अपराधियों जैसा सलूक कर रही है। भाजपा की सरकार प्रदेश में अपराध का स्तर 3 गुना बढ़ गया हैं व्यापारी काफी डरा सहमा है।
उन्होंने कहा, सरकार की कमिश्नर प्रणाली फेल साबित हो रही है। किसानों की आमदनी बढ़ाने, लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने तथा गन्ना किसानों को उनके बकाया का भुगतान कराने में पूरी तरह विफल रही हैं। डबल इंजन की सरकार ने अपने एजेंडा का एक भी वादा पूरा नहीं किया, कालाधन वापस, 15 लाख खाते मे, आदि सभी वादों को पूरा करने में नाकाम साबित हुई है। नौजवानों को रोजगार के नाम पर पूडी पकौड़ी तलने के लिए विवश कर दिया। किसानों को कर्जमाफी के नाम पर पूरा बेवकूफ बनाया गया।
सुनील सिंह ने कहा, सरकार बीमा कम्पनियों पर भुगतान की जिम्मेदारी डाल कर अपने दायित्वों से मुक्त नहीं हो सकती है। इन्वेस्टर्स समिटि के नाम पर जनता के धन का अरबों रूपये पानी की तरह बहाया गया। मंहगाई को कम करने का प्रयास तो हुआ नहीं बल्कि बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी कर मंहगाई को और बढ़ाने का काम किया है। देश और प्रदेश में आर्थिक मन्दी को पहुंचाने में सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गलत वित्तीय प्रबंधन से राज्य को भारी कर्ज में डूबो दिया है। सरकार के इस तानाशाही रवैये के प्रति चुप्पी कई गम्भीर सवाल खडे़ करती है। प्रदेश में सभी विकास के कार्य रूके पडे़ हैं। सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई लोगों तक पहंुचे क्योंकि वह जनता में बढ़ते गुस्से से आशंकित है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी बचानी है। उनके 200 विधायक उनके खिलाफ है। प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था बुरी दशा में हैं। सरकार के इस तानाशाही रवैये के प्रति चुप्पी कई गम्भीर सवाल खडे़ करती है।