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प्रदेश में तीन साल से चल रही तुकबंदी से सरकार :अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक पद है, जिसकी अपनी गरिमा एवं मर्यादाएं हैं। इस पद पर बैठे व्यक्ति से भाषा में संयम और बर्ताव में आत्म अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा बोली की जगह गोली, ठोक दो और बदला लेंगे जैसी भाषा का इस्तेमाल पूर्णतया अलोकतांत्रिक एवं गैर जिम्मेदाराना है। लगता है मुख्यमंत्री जी इससे बेपरवाह बने हुए है। इस पर मुख्यमंत्री जी का यह कहना कि यह तो तुकबंदी है, घोर आपत्तिजनक है। मुख्यमंत्री जी की ऐसी भाषा का प्रभाव है कि प्रदेश में अराजकता बढ़ी है और सामाजिक वातावरण प्रदूषित हुआ है। इसका यह भी दुष्परिणाम हो सकता है कि कोई भी निम्नस्तरीय, घटिया मानसिकता की गलत बयानी करने में संकोच नहीं करेगा। वह इसे भी तुकबंदी करार देगा। उन्होंने कहा, प्रदेश में इस हिसाब से तो तीन साल से तुकबंदी से सरकार चल रही है। क्या मुख्यमंत्री जी ऐसी तुकबंदी से ही प्रदेश की धरती पर रामराज उतारेंगे?

श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में राज्य में व्यापक विकास कार्य हुए थे। सन् 2022 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भी काम बोलेगा और समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़कर 351 सीटों पर विजय पताका फहराकर भारी बहुमत की सरकार बनाएगी और चुनावी रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी सभी को जोड़कर चलेगी।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के कुशासन से परेशान है। नौजवान बेकारी के शिकार हैं। किसान बदहाल हैं। भाजपा सरकार हमारे कामों को अपना बता रही हैं। इनका अपना कोई उल्लेखनीय काम नज़र नहीं आता है। मेडिकल कालेज बनाने का भाजपा झूठा दावा कर रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार की देन है। भाजपा ने इसके साथ बस समाजवादी नाम हटाने का काम किया हैं। इसके लिए जमीन खरीद से लेकर एलाइनमेंट तक का काम समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुआ था।

अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम भाजपा वाले बहुत अच्छे ढंग से कर लेते है। एच.सी.एल., मेट्रो, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे सब समाजवादी पार्टी की उपलब्धि है। 3 साल के भाजपा राज में मेट्रों एक कदम भी कहीं आगे नहीं बढ़ पाई। समाजवादी सरकार बनने पर लखनऊ के पालीटेक्निक से बाराबंकी तक मेट्रो चलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की तरक्की और विकास के मुद्दे पर बहस होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी ने लैपटाॅप बांटे जिसकी मदद लेकर लड़के हार्वर्ड तक पढ़ने चले गए। सबसे ज्यादा एमओयू सोलर प्लांट के लिए हुए थे, एक भी सोलर प्लांट नहीं लगा। वल्र्डक्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर बनना चाहिए। उत्तर प्रदेश में निवेश कहा और कितना आया?

श्री यादव ने कहा कि जो कानून देश की जनता में नफरत फैलाता है और समाज को बांटता है समाजवादी पार्टी उसके खिलाफ है। समाजवादी पार्टी नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ है। उन्होंने कहा असम में इनकी वजह से बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं। अखिलेश ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस भाजपा समेत कई दलों ने जातीय जनगणना पर सहमति जताई थी लेकिन अब भाजपा भी कांग्रेस की राह पर है। जाति गणना हो जाने पर सबको उसकी संख्या अनुपात में हक एवं सम्मान मिलेगा और सबका समान विकास होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी खुद अपना मजाक बनाते हैं। उन्हें संविधान की समझ नहीं है। समाजवाद शब्द तो भारतीय संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा हैं अपने ऊपर वह ‘सैफरन सोशलिस्ट‘ किताब लिखवाते हैं, इसका क्या मतलब है? संवैधानिक पद पर बैठकर समाजवाद के विरोध में बोलना संविधान विरोधी आचरण है। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अपने वादे तीन वर्ष में भी पूरे नहीं कर पायी, न तो गंगा जी की सफाई हुई और नहीं गौमाता की सुरक्षा। प्रदेश में आवारा जानवरों और सांडो से किसान खासकर परेशान हैं। भाजपा सभी मोर्चों पर विफल रही है। भाजपा सरकार ने जनता को बहुत ही दुःखी और निराश किया है।

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