गुजरात के भुज में माहवारी की जांच के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब सूरत के स्मिमेर अस्पताल में फिटनेस टेस्ट नाम पर अस्थायी महिला कर्मचारियों के कपड़े उतरवाने का मामला सामने आया है. कुछ दिन पहले कच्छ जिले के भुज स्थित श्री सहजानंद कॉलेज की 68 छात्राओं को यह जांचने के लिए निर्वस्त्र किया गया था कि कहीं उन्हें पीरियड्स तो नहीं हो रहे हैं.
इस घटना से पूरा देश शर्मसार हो गया था. इस घटना के बाद अब सूरत में महानगर पालिका संचालित स्मिमेर हॉस्पिटल में गुरुवार को प्रशिक्षु महिला कर्मचारियों को घंटों तक बगैर कपड़ों के खड़ा रखा गया. महिला चिकित्सकों ने प्रेग्नेंसी से संबंधी टेस्ट किए और उनसे निजी सवाल भी पूछे. घटना के संबंध SMC कर्मचारी संघ प्रमुख की तरफ से सूरत नगर निगम कमिश्नर से शिकायत की गई है. जिसके अनुसार महिला कर्मचारियों को उस वक़्त गहरा सदमा लगा, जब वे अपने अनिवार्य फिटनेस टेस्ट के लिए सूरत नगर निगम संचालित हॉस्पिटल पहुंची.
महिला कर्मचारियों को कमरे में तक़रीबन 10 के समूह में ले जाया गया और एक साथ उन्हें निर्वस्त्र कर खड़े होने के लिए के लिए बाध्य किया गया. उस कमरे में गेट भी ठीक से बंद नहीं था और भीतर से कोई कुछ देख न सके इसके लिए केवल एक पर्दा लगाया गया था. वहां उपस्थित अविवाहित महिलाओं से पूछा गया कि क्या वे कभी प्रेग्नेंट हुई हैं. कुछ महिलाओं ने महिला डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने स्त्री रोग संबंधी टेस्ट किए और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. संघ की शिकायत के बाद नगर निगम आयुक्त ने मामले की जांच के आदेश जारी किए हैं.