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मान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह अन्य पत्रकारों को भी सुविधाएं दे सरकार : घनश्याम पाठक

प्रतापगढ़। चिलबिला स्थित उमर वैश्य धर्मशाला में रविवार की दोपहर पत्रकार प्रेस क्लब के जिलाध्यक्ष सुबेदार उपाध्याय की अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की गई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे पत्रकार प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम पाठक ने कहा कि पत्रकारों के ऊपर हो रहे जुल्म को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकार प्रेस क्लब हर मुसीबत की घड़ी में पत्रकारों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलेगा।

उन्होंने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा कि पत्रकारों को पीत पत्रकारिता से बचने की जरूरत है। जिससे पत्रकारिता की गरिमा बनी रहे। श्री पाठक ने कहा कि प्रतापगढ़ क्रांतिकारियों की भूमि रही है। ऐसे में यहां के क्रांतिकारी पत्रकार साथी आनेवाले दिनों में लोगों के लिए एक मिसाल बनेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार से मांग की जाएगी कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह अन्य पत्रकारों को भी सरकार सुविधाएं मुहैया कराए। पोर्टल व सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को भी पत्रकार की मान्यता दी जाए।

बैठक में पत्रकारों ने एक स्वर में संगठन की मजबूरी पर बल दिया, जिससे पत्रकार निर्भिकतापूर्वक अपने कार्यों को अंजाम दे सके। इस दौरान पत्रकारों से जुड़े अन्य विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम के शुरुआत में प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम पाठक को जिलाध्यक्ष ने माल्यार्पण कर व अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया। जिला सचिव ने प्रदेश अध्यक्ष को बुके भेंट की। तत्पश्चात वरिष्ठ प्रदेश सचिव विजय शंकर विद्रोही, प्रदेश मीडिया प्रभारी विनय कुमार पांडेय, प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष सूबेदार उपाध्याय, जिला महासचिव राजेश कुमार शुक्ला, जिला संयोजक रामसूरत पांडेय सहित सभी पदाधिकारियों, पत्रकार साथियों को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों का भी चयन किया गया।

मौके पर डॉ.विनोद पाठक (मंडल अध्यक्ष प्रयागराज), संदीप कुमार मिश्रा, रोहित पांडेय, घनश्याम पाठक, हरिनारायण मिश्र, रामसूरत पांडेय, नीलेश मिश्र, प्रशांत पांडेय, अजय जायसवाल, नमन, संजय कक्कड़, नरेंद्र कुमार वर्मा, राम सिंह, संदीप कुमार, राजेश जायसवाल, राजेश कुमार शुक्ल, बसंत सिंह, दीपक राज मिश्रा सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।

पत्रकार प्रेस क्लब की प्रमुख मांगें

  • किसी भी पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पहले राजपत्रित अधिकारी से मामले की जांच अनिवार्य की जाए।
  • शासन से मान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह शहरों से गांवों तक विभिन्न मीडिया संस्थानों, न्यूज पोर्टलों में कार्यरत पत्रकार साथियों को सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाएं।
  • प्रदेश और जिला स्तर पर सरकार की निगरानी में पत्रकारों की सूची तैयार कराए, जो वास्तव में पत्रकारिता से जुड़े हैं और समाचार संकलन-संपादन में जुटे हैं।
  • इलेक्टानिक, प्रिंट की तरह डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को मान्यता मिले और सरकारी स्तर पर उन्हें समाचार संकलन के लिए दूसरे मीडिया माध्यमों की तरह ही महत्व दिया जाए।
  • शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी पत्रकारों के कल्याण के लिए उन्हें जीवन बीमा की सुविधा सरकारी स्तर पर सुनिश्चित की जाए। किसी भी आपदा, बीमारी की स्थिति में पत्रकारों के परिवारीजनों के लिए अलग से सहायता राशि सुनिश्चित की जाए।

रिपोर्ट-जमील अख्तर

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