लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने देश में पेट्रोल-डीज़ल, एलपीजी, खाद्य तेलों और दालों की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि को देखते हुए, आसमान छूती ईंधन की कीमतों एवं जीएसटी दरों में कमी और महंगाई के भारी बोझ को कम करने के लिए आयात शुल्क कम करने कि मांग की है।
श्री दुबे ने आज जारी बयान में कहा कड़े विरोध के बावजूद, सरकार ने लगातार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ ज़िलों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से अधिक हो गई है, जबकि एलपीजी की कीमत 900 रुपये प्रति सिलेंडर छू रही है। पिछले एक वर्ष में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में 25-30 रुपये एवं एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 250 रुपये की अभूतपूर्व वृद्धि हो चुकी है।
वर्ष 2014 के पूर्व जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल थी, सरकारें पेट्रोल 65 रुपये प्रति लीटर और डीजल 44 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध कराने में सक्षम थी और आज जब ये 75 डॉलर प्रति बैरल हैं तो जनता का तेल निकाला जा रहा है।
उन्होंने देश में बेरोजगारी की ऊंची दर और वेतन कटौती पर चिंता जताते हुए कहा कि कहा कि जनता पहले से ही पिछले एक वर्ष में सरसो, वनस्पति एवं रिफाइंड इत्यादि खाद्य तेलों की कीमतों में हुई 35 से 50 रुपये प्रति लीटर और दालों की कीमतों में 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि से त्राहि-त्राहि कर रही है।
उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से महंगाई दर 6.26 प्रतिशत है वहीं दूसरी ओर सरकार इसे ‘झूठी चिंता’ बता रही है। आज जारी बयान में श्री दुबे ने इस व्यापक संकट की स्थिति में कमर तोड़ महंगाई पर सरकार के लचर रवैये पर सवाल खड़े करते हुए तत्काल कीमतों पर नियंत्रण करने कि मांग की है।