पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी उत्तर प्रदेश यात्रा होगी। वह रानी लक्ष्मीबाई की जन्म जयंती के अवसर पर झांसी की यात्रा पर आ रहे है। इसके पहले कुशीनगर और सुल्तानपुर की उनकी यात्रा विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई। कुशीनगर यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट का लोकार्पण किया था। इसमें बीस देशों के विशिष्ट प्रतिनिधि शामिल हुए था। सुल्तानपुर में उन्होंने देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे का लोकार्पण किया था। यहां शानदार एयर शो भी हुआ था।
जिसमें वायुसेना के ग्यारह अति महत्वपूर्ण फाइटर प्लेन शामिल थे। यह भारतीय वायु सेना का शौर्य प्रदर्शन भी था। विगत छह वर्षों में भारतीय वायु सेना की क्षमता व शक्ति में भारी बढोत्तरी हुई है। विशेषज्ञ व कमांडर जिन फाइटर प्लेन व हथियारों को लंबे समय से आवश्यक बता रहे थे,उन्हें वर्तमान केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराया है। इसी प्रकार नरेंद्र मोदी की झांसी यात्रा भी विकास व जनकल्याण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण के दृष्टिगत झांसी किले का स्थलीय निरीक्षण किया। स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्वच्छता अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। झांसी किले का स्थलीय निरीक्षण किया। कार्यक्रम के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। सभी कार्यों को तत्काल पूर्ण कराने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड के पहले प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। वर्तमान में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई की विभिन्न परियोजनाएं तेजी के साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल योजना अगले कुछ माह में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के प्रत्येक घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। दस हजार पांच सौ करोड़ रुपये की यह परियोजना बुन्देलखण्ड के विकास में सहायक होगी। इसके अलावा महोबा मे प्रधानमंत्री अर्जुन सहायक परियोजना का लोकार्पण करेंगे।कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तहसील चरखारी के अन्तर्गत अर्जुन बाँध तथा कबरई फीडर का स्थलीय निरीक्षण किया।
इसके अलावा झांसी में योगी आदित्यनाथ व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमृत महोत्सव समारोह का उद्घाटन किया। झांसी में राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व झांसी जलसा कार्यक्रम के माध्यम से शौर्य का सन्देश दिया जा रहा है। राजनाथ सिंह कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश रक्षा में आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर है। आजादी के बाद देश सामरिक आजादी की ओर कदम बढ़ा रहा है और हम मेक इन इंडिया से आगे बढ़कर मेक फॉर द वर्ल्ड की ओर बढ़ रहे हैं। डिफेंस कॉरिडोर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगा। उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सहित विभिन्न विकास कार्यों प्रदेश सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है।
लक्ष्मीबाई की वीरता ने नारी शक्ति को नया नाम दिया और महिला होने को अपनी बाधा नहीं बनने दिया। उन्हीं की प्रेरणा से आज देश के हर क्षेत्र में महिलाओं को स्थान मिला है।महिलाओं को सेना में भी स्थाई कमीशन दिया जा रहा है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी द्वारा महिलाओं के प्रवेश दिए जा रहे है। इस साल एनडीए में प्रवेश के लिए दो लाख से अधिक बालिकाओं ने परीक्षा दी है।
महात्मा गांधी के स्वदेशी का तात्पर्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना था। रक्षा क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बन रहा है। देश की सीमाओं सहित साइबर हमले एवं अंतरिक्ष से होने वाले खतरे के दृष्टिगत सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाया जा रहा है। आज लगभग दो सौ से अधिक हथियार भारत में बनने लगे हैं। उनको अन्य देशों को भी निर्यात किया जा रहा है।
कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु एचएएल को पचास हजार करोड़ रुपये का ऐतिहासिक आर्डर दिया गया है। पिछले सात वर्षों में अड़तीस हजार करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात किए गये हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड की जीवन रेखा साबित होगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों को तेजी से पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा रहा है। ललितपुर में एक नया मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा विगत वर्ष जनपद झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया गया था।
राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व झांसी जलसा कार्यक्रम तीन दिन चलेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि झांसी की रानी के एक सौ तिरानवें जन्मदिन को आजादी के अमृत महोत्सव से जोड़कर मनाना एक सुंदर प्रयास है। इस कार्यक्रम में सैन्य सुदृढ़ीकरण के कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जाएगा। हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए बलिदान को आज हमारी रक्षा सेनाओं के ओज एवं तेज के माध्यम से देखा जा सकता है।तीन दिवसीय यह कार्यक्रम राष्ट्र रक्षा के प्रति समर्पण के भाव को आह्लादित कर रहा है। लोक कथाओं व काव्यों में झांसी के ओज और तेज को वीर रस के साथ प्रस्तुत किया गया है।