लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रयागराज भ्रमण के दूसरे दिन कम्पोजिट विद्यालय अरैल नैनी परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में राष्ट्रीय पोषण माह-सितम्बर 2023 के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से संवाद किया। आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा-संपन्न बनाने के लिए 200 आंगनबाड़ी संसाधन कीटों का वितरण किया। उन्होंने केंद्र पर बनायी गयी स्मार्ट क्लास का उद्घाटन भी किया।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से मेरा बहुत नजदीकी जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि शिशु की गर्भावस्था से लेकर उसके जन्म व स्कूल में जाने तक की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केन्द्र की होती है। केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का पालन करते हुए गर्भवती महिलाओं व माताओं को मार्गदर्शन देना, सुरक्षित बच्चे के जन्म के लिए प्रयास करना, ये सभी कार्य हमारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां करती है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले ज्यादातर बच्चे अभावग्रस्त, गरीब परिवार से होते है एवं उनके पास अच्छे कपड़े व खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था भी नहीं होती है, ऐसे बच्चों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि इनकी देखभाल करते हुए इन्हें समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित कराया जाये।
👉दूरस्थ शिक्षा में राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का योगदान
राजयपाल ने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों से जोड़ने के लिए केन्द्रों में उनके लिए खिलौने, खेलने की व्यवस्था करने के साथ इंटेरेक्टिव लर्निंग की व्यवस्था पर जोर दिया जिससे बच्चे स्वयं आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने के लिए उत्सुक रहे। उन्होंने कहा कि बच्चे लिखने से ज्यादा देखकर सीखते है, उन्हें एक खिलौने से भी काफी कुछ सिखाया जा सकता है। उन्होंने केजी टू पीजी शिक्षा व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को यूनिवर्सिटी व कालेजों से जोड़ना चाहिए।
राज्यपाल ने दो प्रकार की किट वितरित कीं, जिसमें एक किट में खेलने, साइंस, मैथ व क्रिएटीविटी सिखाने के लिए व दूसरी 200 आंगनबाड़ी केंद्रों को सुसज्जित करने हेतु कार्यकत्रियों को दी। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को परिसर में स्थित कम्पोजिट विद्यालय के बच्चों के साथ प्रार्थना व खेलों का एक साथ आयोजन कराने के लिए कहा है, जिससे वे भी उनके साथ सीख सकें।
👉सुशासन जनता के जीवन में बदलाव लाने का माध्यम: डा दिनेश शर्मा
राज्यपाल ने कहा कि छोटे बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति बहुत प्रबल होती है, इसलिए हमें उनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमारा दायित्व है कि हम उन्हें ऐसा वातावरण प्रदान करें, जिससे वे अच्छे नागरिक बन सके। राज्यपाल ने राजभवन से अपने साथ लायी हुई 55 पुस्तकों को विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को दिया और विद्यालय में एक लाईब्रेरी बनाकर इन पुस्तकों को विद्यालय के बच्चों को उपलब्ध कराये जाने के लिए कहा है। इस अवसर पर राज्यपाल ने श्री अन्न से निर्मित रेस्पी पोषण स्टाॅल का अवलोकन करते हुए उत्पादों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र में उपस्थित बच्चों को फल वितरित करते हुए उनके प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा के बारे में जानकारी ली।