लखनऊ विश्वविद्यालय के योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा संकाय के तत्वावधान में वर्चुअल मोड पर योग के माध्यम से स्वास्थ्य एवं सामजस्य शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इसमें मुख्य वक्ता आई ए एस अधिकारी राजीव शर्मा थे।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं सामंजस्य के लिए योग एक महत्वपूर्ण सोगात है सम्पूर्ण विश्व के समक्ष उपस्थित स्वास्थ्य की समस्याओं के निराकरण में योग की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। क्योंकि योग शरीरिक स्वास्थ्य, मानशिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्वास्थ्य, पारिवारिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक स्वास्थ्य को उन्नतशील बनाने में सहायक है।
विश्व मे आद्योगिकिरण एवं शहरीकरण के कारण उत्पन्न मानशिक समस्या,शारिरिक समस्यो को हल करने में सक्षम है। जीवन के वास्तविक धरातल को विकसित करने के लिए सामंजस्य जीवन की महत्वपूर्ण कड़ी है। सामंजस्य के अभाव में जीवन की परिकल्पना अधूरी है। भारतीय ऋषिमुनियों द्वारा स्थापित योग एक ऐसा विषय है।
जिसके अभ्यास से व्यक्ति विशेष अपने जीवन में अपने कर्म में, वाणी में, विचारों में, सामंजस्य स्थापित कर सकता है अपने जीवन को अनुशासित एवं मानवीय गुणों से सुसज्जित कर सकता है योग के विभिन्न अभ्यास सम्पूर्ण मानव निर्माण में परम् उपयोगी है।
व्यख्या के दौरान डॉ. अमरजीत यादव ने कहा कि योग में वर्णित योगासन, प्राणायाम धारणा, ध्यान का अभ्यास केवल शारिरिक ही नही है बल्कि इनके अभ्यास से चित्त और मन की परम शुद्धि होती है। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के जीवन मे मानशिक स्वास्थ्य एवं समांजयस्य की भावना सहज रूप से विकसित होने लगती है।
वर्चुअल मूड पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो. नवीन खरे प्रोफेसरइंचार्ज डॉ. उमेश कुमार शुक्ल सहित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के शिक्षक, चिकित्सक एवं छात्र छात्राएं शामिल थे।