• संक्रामक रोगों को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियां हुईं तेज
• 18 टीमें बांट रहीं क्लोरीन टैबलेट व ओआरएस, 6008 लोगों की हुई स्वास्थ्य जांच
औरैया। बारिश कम होने के बाद नदी किनारे बसे गांवों में भरा पानी कम हो रहा है। जलस्तर कम होने से लोगों को बाढ़ के कहर से राहत की सांस मिली है लेकिन संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। पर इस मुसीबत के दौर में स्वास्थ्य विभाग की टीमें द्वारा राहत और बचाव के लिए पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है। 18 स्वास्थ्य टीमें 9 बाढ़ चौकियों में 6008 लोगों की जांच व दवाइयां इत्यादि दे चुकी हैं। इसके अलावा क्लोरीन की टैबलेट व ओआरएस के पैकेट बांट रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित 14 इलाकों में जगह-जगह कीचड़ और जल जमाव से संक्रामक रोग न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है।
सीएमओ ने बताया कि संक्रामक रोगों से बचाव के लिए कार्रवाई तेज कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि जल जमाव वाले स्थानों पर मच्छरजनित बीमारी डेंगू, मलेरिया आदि के फैलने की आशंका अधिक होती है लिहाजा बाढ़ से प्रभावित रहे सभी क्षेत्रों में एंटी लार्वा का छिड़काव करने के साथ ही नगर निगम के सहयोग से फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है।
संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डा. शिशिर पुरी ने बताया कि बाढ़ कम होने के बाद संक्रामक बीमारियों के खतरे को देखते हुए गांवों में क्लोरीन की टैबलेट बांटी जा रही है। ग्रामीण अपने घरों की सफाई में इस क्लोरीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह संक्रमण बीमारियों को रोकने में काफी मददगार साबित होता है। अभी तक 39,495 क्लोरीन टैबलेट का वितरण किया जा चुका है। इसके अलावा 19,928 ओआरएस के पैकेट भी दिए गए हैं।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर