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यहाँ कोरोना वायरस का संदिग्ध पाए जाने पर भागे तो इस कानून के अंतर्गत काटनी पड़ेगी जेल की सजा

हिंदुस्तान में Corona Virus बहुत तेजी से फैल रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से महामारी अधिनियम के अंतर्गत कदम उठाने को कहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि अब Corona Virus का संदिग्ध पाए जाने पर आपको जांच कराना अनिवार्य है और अगर आप कोरोना से भागे तो इस कानून के अंतर्गत पकड़ कर जेल में भी डाला जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हिंदुस्तान सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रही है। Corona Virus से संक्रमित होने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के बीच सरकार ने विदेशियों की हिंदुस्तान में एंट्री पर भी अगले महीने तक रोक लगा दी है।

कर्नाटक में एक अधिसूचना जारी कर 123 साल पुराने महामारी अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया गया है। इस एक्ट के लागू होने के बाद अब ये सुनिश्चित किया जाएगा कि Corona Virus से संक्रमिक व्यक्ति हॉस्पिटल से भागें नहीं और क्वारंटाइन के सभी नियमों का पालन करें। मतलब इस छुआ छूत से फैलने वाले वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को अलग रखने का प्रबंध।

महामारी रोग क़ानून 1897 के इस क़ानून का प्रयोग विभिन्न स्तर पर अफसरों द्वारा शिक्षण संस्थाओं को बंद करने, किसी इलाक़े में आवाजाही रोकने और मरीज़ को उसके घर या हॉस्पिटल में अलग करके रखने के लिए किया जा सकेगा। महामारी रोग क़ानून के अंतर्गत जारी अधिसूचना एक तरह के आपातकाल का संकेत है।

इसके अनुसार, इस क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत मुक़दमा चलाया जा सकता है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 कहती है कि जो कोई जान बूझकर इंसान के जीवन, स्वास्थ्य और सुरक्षा को क्षति पहुंचाता है, उसे अधिकतम छह महीने की जेल की सज़ा या 1 हजार रूपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। दोनो दण्ड एक साथ भी लागू किये जा सकते हैं।

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