गुरुवार को आईएएएफ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय एथलीट Hima Das हिमा दास ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह इस चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी।
Hima Das : 51.46 सेकेंड का समय निकाल जीता स्वर्ण
18 वर्षीय दास ने चैंपियनशिप में अपनी प्रसंशनीय योग्यता को साबित करते हुए 51.46 सेकेंड का समय निकाल सोना जीत लिया। इसके आलावा रोमानिया की आंद्रे मिकलोस ने 52.07 सेकेंड का अपना सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर रजत पदक पर कब्जा जमाया जबकि अमेरिका की टेलर मैंसोन 52.28 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीत पाई।
हिमा दास इस पदक के जीतने के साथ ही चैंपियनशिप के इतिहास में पदक जीतने वाली पहली भारतीय ट्रैक एथलीट बनीं।
- इससे पहले हिमा गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में 400 मीटर फाइनल में 51.32 सेकेंड का समय निकालकर छठे स्थान पर रहीं थीं।
एएफआइ ने हिमा का बनाया मज़ाक
हिमा दास ने चैंपियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में भले ही गोल्ड मेडल जीता हो लेकिन भारतीय एथेलिट्स संघ को उनकी उपलब्धि नहीं बल्कि अंग्रेजी से मतलब है। हिमा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद एएफआइ ने ट्वीट कर हिमा दास को बधाई देते हुए लिखा कि हिमा ने स्वर्ण जीतने के बाद अंग्रेजी में अच्छा ना होने के बाद भी सभी से बात की। हमें हिमा पर गर्व है।
#HimaDas speking to media after her SF win at #iaaftampere2018 @iaaforg Not so fluent in English but she gave her best there too. So proud of u #HimaDas Keep rocking & yeah,try ur best in final! @ioaindia @IndianOlympians @TejaswinShankar @PTI_News @StarSportsIndia @hotstartweets pic.twitter.com/N3PdEamJen
— Athletics Federation of India (@afiindia) July 12, 2018
बता दें कि इस ट्वीट के पोस्ट होते ही कई लोगों ने इसका विरोध भी किया ,जिसके चलते एएफआई ने ट्वीट कर माफ़ी भी मांगी।
सभी भारतवासियों से क्षमा अगर हमारी एक TWEET से आप आहत हुए है!असल उद्देश्य यह दर्शाना था कि हमारी धाविका किसी भी कठनाई से नहीं घबराती, मैदान के अंदर या बाहर! छोटे से गाँव से आने के बावजूद, विदेश में अंग्रेजी पत्रकार से बेझिझक बात की! एक बार फिर उनसे क्षमा जो नाराज हैं, जय हिन्द!
— Athletics Federation of India (@afiindia) July 13, 2018