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ज्ञानवापी मुद्दे पर भागवत के बयान पर हिंदू महासभा ने तोड़ी चुप्पी

लखनऊ। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने ज्ञानवापी मुद्दे और राम जन्मभूमि आंदोलन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमख मोहन भागवत के बयान पर चुप्पी तोड़ते हुये उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, और कहा है कि जिस तरह से भागवत ने भाजपा का नारा सबका साथ सबका विकास की बात उठाकर सिद्ध कर दिया है कि वह अब हिन्दूवादी रास्ते से हट चुकी है।

ज्ञानवापी मुद्दे पर भागवत के बयान पर हिंदू महासभा ने तोड़ी चुप्पी

हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इतिहास के पुनः लेखन की बात करने वाले मोहन भागवत को स्वीकार करना पड़ेगा कि मुगल आक्रांताओं द्वारा हिंदू मंदिरों उनके धर्म स्थलों उनकी संस्कृति को इस्लाम के नाम पर नष्ट किया गया है। त्रिवेदी ने कहा कि देश में अभी मस्जिदों के अन्दर शिवलिंग बाहर आ रहे है, और अगर मजारों से चादरें हटनी शुरू होगी तो समाधियां दिखनी शुरू हो जायेगी, इसलिये भागवत को अपने ऐसे बयानों से हिन्दू समाज को दिग्भ्रमित करने से बचना चाहिए।

हिन्दू महासभा के नेता ने साफ कहा कि हिन्दू महासभा ही एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी रही है जिसने अयोध्या के राम मन्दिर की कानूनी लड़ाई की शुरू की और उसमें सफलता पायी वहीं देश के तमाम ऐसे हिन्दू धार्मिक स्थल जो मुगल आंक्रान्ताओं द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये, को पुर्नस्थापित करने के लिये संघर्षरत है, और यह संघर्ष जारी रहेगा। मालूम हो कि मोहन भागवत ने ज्ञानवापी मुद्दे पर अपने एक बयान में कहा है कि ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे हम बदल नहीं सकते.

हमें रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना है? झगड़ा क्यों बढ़ाना. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर के बाद अब कोई आंदोलन नहीं होगा। श्री त्रिवेदी ने कहा कि राम मन्दिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद हिन्दू महासभा काशी, मथुरा, लखनऊ स्थित लक्ष्मण टीला आदि धार्मिक स्थलों को वास्तविक स्वरूप में लौटाने के लिये लड़ाई लड़ती रहेगी।

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