कानपुर:- कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे फरार है। लेकिन बुधवार सुबह एसटीएफ को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने विकास दुबे के करीबी और शार्प शूटर अमर दुबे को हमीरपुर के मौदाहा में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया है। 8 पुलिसकर्मियों के हत्याकांड में भी अमर दुबे शामिल था।कानपुर शूटआउट के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के एक प्रमुख गुर्गे को पुलिस ने पश्चिमी यूपी के हमीरपुर में मार गिराया। विकास दुबे के खास कहे जाने वाले अमर दुबे से एसटीएफ की बुधवार सुबह एक मुठभेड़ हुई थी।अमर दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाने में 5 मुकदमे दर्ज हैं। अमर दुबे को विकास दुबे का दाहिना हाथ माना जाता था। अमर दुबे की मां क्षमा को भी पुलिस ने 120 बी का मुजरिम बनाकर जेल भेजा है। अमर दुबे हिस्ट्रीशीटर विकास के टॉप 10 गुर्गों में से एक था।
मुख्य गुर्ग्गे की लिस्ट में शामिल था अमर
3 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे का भतीजा संजय दुबे था और अमय दुबे संजय का लड़का था। संजय की पत्नी क्षमा बदमाशों की रेकी कर रही थी। दबिश देने गई पुलिस पर बदमाशों ने अचानक गोलियां दागना शुरू कर दिया तो कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों ने आड़ लेने और छिपने के लिए दरवाजा खटखटाया लेकिन क्षमा ने दरवाजा नहीं खोला। क्षमा ने घर के अंदर से सीढ़ी लगाकर छत पर जाकर बदमाशों को सूचना दी कि नीचे पुलिसकर्मी छिपे हैं। इसके बाद बदमाश छत के रास्ते से नीचे उतरे और पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने क्षमा को हत्या की साजिश होने का दोषी बताया है।
जानकारी के मुताबिक, अमर दुबे बिकरू गांव में अपनी मां क्षमा के साथ रहता था। अमर दुबे के पिता संजय की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। संजय की मौत के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अमर दुबे का पालन पोषण किया था। अमर दुबे हमेशा विकास के साथ रहता था। बीते सप्ताह अमर ने विकास और उसके साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर भारी गोलीबारी की थी। इस घटना में 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी। अमर पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।