• सिंगिंग, स्टोरी टेलिंग, पोएट्री, स्टैंडअप, रैपिंग समेत तमाम विधाएं हुईं शामिल
• विजयी प्रतिभागियों को किया गया सम्मानित
• मोहन मुन्तज़िर व अमित हर्ष की गज़लों ने जीता सभी का मन
लखनऊ। जिले के बुद्धा ऑडिटोरियम में याराओं टीम का पहला टैलेंट हंट शो आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम के व्यवस्थापक डॉ गोविंद यादव व अतुल कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम जनपद के हुनरबाजो के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में पोएट्री, स्टोरी टेलिंग, सिंगिंग, स्टैंडअप और रैपिंग समेत तमाम विधाओं में इच्छुक प्रतिभागियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। बुद्धा रिसर्च इंस्टीट्यूट एंड ऑडिटोरियम में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में डॉ कृष्ण कुमार सिंह, डॉ विमलेश चौधरी, आमिर फैज़ल, शिवम तिवारी, भुवन जी आदि विशिष्ट अतिथियों के रूप में मौजूद रहे। विभिन्न प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका में अपनी अपनी विधा के माहिर शख्सियतों ने निर्णय सुनाया। कवि मोहन मुंतजिर, एडवोकेट अमित हर्ष, कॉमेडियन सतीश श्रीवास्तव, गायिका मेघना मिश्रा, गायिका मोनिका श्रीवास्तव आदि बड़े मंचों के सशक्त व्यक्तित्व निर्णायक के रूप में रहे।
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प्रथम स्थान पर दर्द फ़ैज़ खान, द्वितीय स्थान पर श्रुति श्रीवास्तव व तृतीय स्थान पर प्रज्ञा श्रीवास्तव रहीं। शादिल सिद्दीकी, तास्फिया फ़ातिमा, अरविंद फनकार, जान्हवी श्रीवास्तव, आफ़ताब आदि विजयी हुए। सभी विजयी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन राशि, मेडल, प्रमाण पत्र, मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। व्यवस्थापक टीम में हर्ष कुमार, आयुष सिंह, अभिषेक दीक्षित, रोहित चौधरी, प्रभात दीक्षित, दीप सिंह ‘दीपक’, शिखर शर्मा, कृष्णा यादव, प्रिंसी मिश्रा, जानवी श्रीवास्तव, सचिन शर्मा आदि रहे। साकिब अहमद, शबीहा ख़ानम लैला व रेयाल अहमद ने स्पेशल परफ़ॉर्मर के रूप में शिरकत की।
कार्यक्रम में नैनीताल मोमोज़ (रंजीत सिंह), कायस्थ परिवार, राजपूत ब्रो’स आदि प्रायोजक के रूप में रहे। यराओं टीम ने प्रायोजकों को भी सम्मान पत्र प्रदान किया। याराओ के अध्यक्ष अतुल कुमार ने बताया कि कार्यक्रम की वीडियो मुशायरा मीडिया के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होंगी। अंत में डॉ गोविंद यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया। टीम द्वारा एक मुशायरे व कवि सम्मेलन के आयोजन की तैयारी है। कार्यक्रम का संचालन शिखर शर्मा ने किया।
महफ़िलो में मेरा हर शेर मुकर्रर हो जाये
हर्ष कुमार ने पढ़ा ‘इसी आस में लिखते रहते हैं रात भर, महफिलों में मेरा हर शेर मुकर्रर जाए’ तो तालियों से सभागार गूंज गया।’ बहुत महंगी हैं खुशियां इस जमाने में, लोग मुस्कुराने का बदला दिल तोड़कर लेते हैं ‘पढ़कर अतुल ने सभी का मन मोहा। युवा कवि आयुष सिंह ने’ तुम्हारे लिए बस एक काफी हैं हम ,जवानों की महफिल के हाफ़ी हैं हम’ पढ़कर महफ़िल लूटी। डॉ गोविंद यादव ने ‘वो प्यार नहीं जताता, मैं गम नहीं दिखाता, और गर महसूस होता उसको तो वो लौट आता’, दीप सिंह ‘दीपक’ ने ‘बहुत है हुस्न की परियां मगर तुम सा यहां कोई, न देखा है कभी, न देखने की चाह रखता हूं’, सचिन शर्मा ने’ क़लम कच्ची है अभी उस्ताद होने में वक्त लगेगा, शायर बना कहां हूं अभी बर्बाद होने में वक्त लगेगा’, शिखर शर्मा ने ‘वचनबद्ध हौ तज सिंहासन,वन की तरफ प्रस्थान करें, भाई प्रेम में राज करी, आज उन खेड़ाओं का ध्यान करें’, अविजित अमन ने ‘एक काम तुमको ज़रा, मैं मुश्किल दे रहा हूं, यार संभाल कर रखना, मैं अपना दिल दे रहा हूं’, रोहित ने ‘लहू से है लतपत तिरंगे से लिपटा,धरा का है बेटा धरा पे पड़ा, उस माँ के दिल से भी पूछो ज़रा, जिसके आँचल मे सोया, पला और बढ़ा’, प्रिंसी मिश्रा ने’ क़द्र यूं हर्फ़-ए-सुख़न की, ज़र्फ़ महफ़िल की ज़िया है, फ़र्द आए थे यहाँ यूं, साज़ फ़ुर्क़त के सुना दें ‘पढ़कर सभागार में उपस्थित श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा