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CJI Deepak Mishra के खिलाफ महाभियोग

बता दें विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने के साथ-साथ के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग लाने जा रहा है। इसके चलते मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा(CJI Deepak Mishra)  इन द‍िनों चर्चा में बने हैं।

CJI Deepak Mishra के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर

बता दें इस महाभियोग प्रक्रिया को शुरू करने के लिए कांग्रेस, राकपा, वामदल के कुछ नेताओं ने महाभियोग के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया है।

कांग्रेस ने की थी शुरुआत

बतादें क‍ि जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की बात प‍िछले कई दि‍नों से चल रही है। हाल ही में जब सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस जे.चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी. लोकुर और कुरियन जोसेफ ने उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे, उस समय वामदल ने इसकी मांग की थी। खबरों के अनुसार कांग्रेस की ओर से इसकी शुरुआत की गई ताकि दूसरे दल भी इसका समर्थन करें। वकील प्रशांत भूषण ने इसका एक ड्राफ्ट तैयार किया सूत्रों का कहना है क‍ि तृणमूल कांग्रेस को भी इसमें साथ जोड़ने की कोशिश हुई।

मुख्य न्यायाधीश दीपक म‍िश्रा के ख‍िलाफ महाभियोग लाने के ल‍िए मंगलवार की देर रात तक जरूरी 50 सांसदों ने हस्ताक्षर भी कर द‍िए हैं जिनमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, राकपा के शरद पवार, वंदना चव्हाण, प्रफुल्ल पटेल समेत कई नेता शामिल हैं।

क्या होता है महाभियोग और इसकी प्रक्रिया
  • देश के मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्‍च न्‍यायालय के किसी जज को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही होता है।
  • राष्ट्रपति भी संसद से अनुरोध मिलने के बाद ही हटा सकते हैं।
  • महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा में 100 और राज्यसभा में कम से कम 50 सदस्यों का हस्ताक्षर जरूरी होता है।
  • प्रस्ताव पारित होने के बाद पीठासीन अधिकारी की ओर से तीन जजों की समिति गठ‍ित होती है। इस समिति में सर्वोच्‍च न्‍यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक कानूनविद शामिल होता है।
  • समिति आरोपों की जांच करती है और आरोप साबित होने पर सदन में प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति उसे पद से हटा देते हैं।
अक्टूबर में हो रहे थे रिटायर
  • बता दें की एक कथित ड्राफ्ट में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ पांच आरोप लगाए गए हैं।
  • दीपक मिश्रा पर प्रशासनिक अधिकारों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया जा रहा है।
  • यह भी आरोप है कि उन्होंने वांछित फैसले के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील कुछ मामलों की सुनवाई खास जजों को सौंपी है।
  • मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली पीठ अयोध्या विवाद जैसे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर रही है।
  • बता दें कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा अक्टूबर में सेवान‍िवृत्‍त हो रहे हैं।

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