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15 वर्ष पुराने मामले में न्यायालय के आदेश पर पांच‌ सपा‌ कार्यकर्ताओं को भेजा गया जेल

औरैया। जिले के ‌बिधूना क्षेत्र में डेढ़ दशक पूर्व ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान हुई भीषण हिंसा में एक बालक की मौत व कईयों के घायल होने के मामले का जिन्न एक बार पुनः बाहर आ गया है और उक्त मामले में न्यायालय के आदेश पर सोमवार को पुलिस ने समाजवादी पार्टी के पांच नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान वर्ष 2006 में हुए ब्लाक प्रमुख चुनाव में सपा की ओर से पूर्व विधानसभाध्यक्ष धनीराम वर्मा की पुत्र वधू एवं पूर्व विधायक महेश वर्मा की पत्नी रेखा वर्मा जबकि भाजपा की ओर से पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव के भाई गीतम सिंह यादव चुनाव लड़ रहे थे।

वोटिंग वाले दिन 27 फरवरी 2086 की सुबह मतदान शुरू होने के कुछ समय बाद ब्लाक कार्यालय की ओर जाने वाले भरथना रोड़ पर अचानक तडातड़ जबरदस्त फायरिंग शुरू हो गई, कोई भी कुछ समझ नहीं पा रहा था कि आखिर मामला क्या हुआ है और सभी अपनी जान बचाने को भागते हुए नजर आ रहे थे। घंटों हुई फायरिंग के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक बिधूना पहुंचे तब तक फायरिंग करने वाले दोनों पक्षों के लोग मौके से गायब हो चुके थे।

इसके बाद प्रशासन को जानकारी हुई कि भाजपा पक्ष के लोग किशनी रोड़ स्थित माया गेस्ट हाउस पर जहां पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक भारी पुलिस फोर्स के मौके पर पहुंचे तो वहां पर फिर से दोनों पक्षों में धुआंधार फायरिंग होने लगी इस दौरान एक रिक्शा चालक बालक की मौत भी हो गयी थी।

भाजपा नेताओं का आरोप था कि बालक की मौत ‌सपाईयों व पुलिस द्वारा की गयी फायरिंग से हुई है। पर उस समय भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अंतोगत्वा पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव को न केवल साथियों समेत गिरफ्तार कर लिया गया बल्कि उनके साथ जमकर मारपीट की गई और जेल में रासुका में निरुद्ध कर दिया गया था। इस दौरान भाजपा के कई प्रान्तीय नेताओं ने बिधूना आकर घटना पर आक्रोश जताने के साथ भाजपा नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई का जमकर विरोध भी किया था।

इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में समय का चक्र घूमा और प्रदेश में बसपा की सरकार बन गई इस दौरान शिव प्रसाद यादव बसपा में शामिल हो चुके थे जिन्होंने वर्ष 2007 में ही उक्त घटना के मामले में सपा नेताओं धनीराम वर्मा, महेश वर्मा, पुत्तीलाल वर्मा, उमा सिंह यादव, राम खिलावन यादव, रमेश यादव, मुख्त्यार सिंह यादव, सत्यभान वर्मा, सतीश गोयल, सुरेन्द्र यादव, ध्यान सिंह यादव, शफीक अहमद कल्लू, रघुनंदन शाक्य, बृजमोहन यादव आदि 26 लोगों के विरुद्ध स्पेशल काउंटर के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया। जिसके बाद 2009 में महेश वर्मा स्वयं भी बसपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में बसपा से विधायक भी बन गये‌ और उन्होंने अपने समर्थकों के विरुद्ध स्पेशल काउंटर पर लिखाये मुकदमा को वापस लिए जाने की कार्रवाई भी पूरी करा ली जिला स्तर पर रिपोर्ट भी लग गयी, पर 19 अप्रैल 2012 को महेश वर्मा एवं 12 दिसंबर 2012 को उनके पिता पूर्व विधानसभाध्यक्ष धनीराम वर्मा की मौत के बाद मुकदमा वापसी मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में पैरवी न करने के कारण न्यायालय ने उपरोक्त सभी आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिए।

जिस पर पुलिस ने सोमवार को पांच सपा कार्यकर्ताओं निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य उमा सिंह यादव सामपुर, पूर्व सचिव कोआपरेटिव रमेश यादव बिधूना, ध्यान सिंह यादव मड़ैया जय सिंह, बृजमोहन यादव कन्नपुर व शफीक अहमद कल्लू असजना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कोतवाली निरीक्षक राजकुमार सिंह राठौर ने कहा वर्ष 2007 में मुकदमा अपराध संख्या 102 में दो दर्जन से अधिक लोग नाम दर्ज किये गये थे। जिनमें तीन लोगों पूर्व विधानसभाध्यक्ष धनीराम वर्मा, पूर्व विधायक महेश वर्मा व पूर्व प्रधान मुख्त्यार सिंह की मृत्यु हो चुकी है।

जेल भेजे ये समाजवादी पार्टी के आरोपित कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें न तो किसी प्रकार का सम्मन देकर सूचना दी गई और ना ही कोई जानकारी है। बताया कि सपा शासनकाल में मुकदमा शासन द्वारा वापस ले लिया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में उमा सिंह यादव व शफीक खान उर्फ कल्लू कई गंभीर बीमारियों से ‌ग्रसित‌ बताये गये हैं।

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