10 नवंबर 2019 को “युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच” छठा अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव एवं सम्मान समारोह का अयोजन चांदनी चौक में स्थित दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी में किया गया। इस मौके पर ट्रू मीडिया के संपादक एवं संस्थापक ओमप्रकाश प्रजापति को हिंदी साहित्य की प्रशंसनीय सेवा के लिए तथा साहित्य, कला, संस्कृति एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए देश की प्रतिष्ठित संस्था युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच ने ‘त्रिवेणी राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया, इस मौके पर सभागार में देश-विदेश से आए शत्रु साहित्यकार सत्यप्रेमी साक्षी बने।
आपको बता दें कि “इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स” एवं “ग्लोबल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स” से सम्मानित, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका “ट्रू मीडिया” एक जाना माना नाम है, ट्रू मीडिया पत्रिका एवं ट्रू मीडिया यू टूब चैनल धीरे-धीरे तीव्र गति पकड़ रहा है, ट्रू मीडिया पत्रिका के नियमित सत्तर-सत्तर अंक देश-विदेश के साहित्य, कला, संस्कृति के क्षेत्र में अपने विशेष योगदान देने वाले व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व-कृतित्व पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित कर चूका है, ट्रू मीडिया द्वारा प्रकाशित विशेषांक मात्र विशेषांक ही नहीं बल्कि शोधार्थीओ के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित हो रही है।
नियमित रूप से व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व-कृतित्व पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित करने वाली देश की अग्रणी पत्रिका बन चुकी है ट्रू मीडिया पत्रिका, अब तक ट्रू मीडिया द्वारा प्रकाशित साहित्यकार है- प्रसिद्ध गीतकार डॉ. कुंवर बेचैन, गीत ऋषि गोपाल दास नीरज, डॉ. रमा हंसराज कॉलेज दिल्ली, डॉ. बीएल गौड़, ग़ज़लगो मंगल नसीम साहब, पंडित सुरेश नीरव, डॉ. बिंदेश्वर पाठक, भगवती प्रसाद देवपुरा, रामकिशोर उपाध्याय, डॉ. प्रवीण शुक्ल, प्रोफेसर सरन घई कनाडा, लंदन से तेजेंद्र शर्मा, अमेरिका से डॉ.अनिता कपूर, डॉ.अशोक मैत्रेय, डॉ. सुरेश अवस्थी, जयप्रकाश मानस, प्रोफ़ेसर विश्वम्भर शुक्ल, राजकुमार जैन राजन, उदय प्रताप सिंह, डॉ.सुमन भाई मानस भूषण, डॉ. पुष्पा जोशी, उर्मिला सत्यभूषण, डॉ. हरीसुमन बिष्ट, कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, डॉ.अतिरज सिंह, श्यामल भट्टाचार्य ( बंगाल ), आचार्य संजीव वर्मा ‘सलील’, हेम पंत, विजय प्रशांत, डॉ. दमयंती शर्मा ‘दीपा’ जैसे अन्य गणमान्य साहित्यकारों पर विशेषांक प्रकाशित कर चूकी है, ट्रू मीडिया नियमित रूप से प्रकाशित होने से देश के इच्छुक रचनाकारों की संख्या बढ़ती जा रही है |